लखनऊ: एसटीएफ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम का इस्तेमाल कर अफसरों-व्यापारियों को कॉल कर वसूली करने वाले इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। एसएसपी एसटीएफ मनोज तिवारी के मुताबिक गिरोह का सरगना पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का गुर्गा हनुमान शुक्ला है। एसटीएफ ने आज आरोपित इलाहाबाद के ओसा कोंधियारा निवासी अतीश कुमार मिश्रा, बस्ती के वाल्टरगंज थानाक्षेत्र के ग्राम बंथला निवासी हनुमान शुक्ला व गोंडा के तरबगंज थानाक्षेत्र के ग्राम मन्नीपुरवा निवासी राहुल उपाध्याय को गिरफ्तार किया है।
अलीगंज थाने में मुकदमा
मामले में डीएम कानपुर सत्येंद्र सिंह की ओर 29 जुलाई को अलीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। गिरोह ने अलीगंज के सेक्टर आर निवासी सैय्यद हसन के नाम पर फर्जी आइडी पर हासिल किए गए सिम के जरिए डीएम कानपुर व उप श्रमआयुक्त कानपुर मंडल आरके मिश्रा को कॉल कर कानपुर के आरएसपीएल ग्रुप के सभी प्रतिष्ठानों पर छापे मारकर कार्रवाई का दबाव बनाया था। अधिकारियों ने संदेह होने पर जब नंबर की पड़ताल की तो वह फर्जी आइडी पर निकला। जिसके बाद अलीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। विवेचक चांदगंज चौकी प्रभारी नजर इमाम ने बताया कि आरोपितों ने 26 जुलाई की सुबह करीब 10 बजे उप श्रम आयुक्त व दोपहर करीब 12:53 बजे डीएम कानपुर को कॉल की थी। एसटीएफ को पूरे मामले की जांच सौंपी गई थी। एसटीएफ के सीओ आलोक सिंह के मुताबिक आरोपित राहुल कक्षा नौ पास है। वह फोन पर खुद को सीएम का निजी सचिव गोरखपुर निवासी राकेश कुमार सिंह होने का दावा कर पूरबिया टोन में अधिकारियों व व्यापारियों से बात करता था। गिरोह सीधे व्यापरियों को कॉल कर उनकी शिकायत होने व जांच का हवाला देकर मिलने का दबाव भी बनाता था। गिरोह ने किन लोगों से वसूली की है, इसकी भी पड़ताल की जा रही है।
ट्र कॉलर में सेव किया था नंबर
एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक आरोपितों ने फर्जी आइडी पर जो सिम लिया था, उसके अंत में 51 नंबर था। नंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम से ट्र कॉलर आइडी बनाकर सेव किया गया था। जिससे नंबर अधिकारियों व व्यापारियों के मोबाइल पर सीएम योगी आदित्यनाथ शो करता था।
एजेंसी संचालक एडीएम का रिश्तेदार
आरोपित अतीश यूपी व उत्तराखंड में सिक्योरिटी एजेंसी चलाता है और हरिद्वार स्थित एक अपार्टमेंट में रहता था। पुलिस के मुताबिक अतीश ने विभिन्न कंपनियों व प्रतिष्ठानों में अपने गार्ड लगा रखे हैं। वह एक एडीएम का रिश्तेदार भी है। 12वीं तक पढ़ा अतीश इलाहाबाद में एक डिग्री कॉलेज का निर्माण भी करा रहा था। उसने ही हनुमान शुक्ला के साथ मिलकर बड़ों को ठगने की योजना बनाई थी।
अमरमणि के साथ था आरोपित
एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक आरोपित हनुमान वर्ष 2001 में बस्ती में राहुल मधेशिया अपहरणकांड में नामजद हुआ था। इस मामले में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी, संदीप तिवारी व शिवम उर्फ रामयज्ञ के नाम भी शामिल थे। वर्ष 2006 में सिंचाई विभाग के जेई रवि प्रताप की हत्या में प्रमुख आरोपित था। हनुमान के खिलाफ लखनऊ, बस्ती, कानपुर, सीतापुर व गोरखपुर में हत्या, अपहरण सहित अन्य संगीन धाराओं में 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
सचिव ने भी की थी शिकायत
एसटीएफ के इंस्पेक्टर विनय गौतम के मुताबिक आरोपितों ने खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों को कॉल कर सीएम का हवाला देते हुए नमस्ते इंडिया दूध कंपनी के सैंपल लेकर उन्हें अनिवार्य रूप से फेल कराने का दबाव भी बनाया था। संदेह होने पर प्रमुख सचिव खाद्य एवं औषधि ने भी मामले की शिकायत की थी।
कक्षा नौ पास पर अंदाज अफसरों जैसा
हैलो, सीएम योगी आदित्यनाथ का निजी सचिव बोल रहा हूं। सीएम साहब को कानपुर के मेसर्स आरएसपीएल गु्रप की शिकायत मिली है। शासन से अपेक्षा की गई है कि कंपनी के सभी प्रतिष्ठानों पर छापे मारकर कार्रवाई की जाए। त्वरित कार्रवाई कर अवगत कराएं। … कुछ इस अंदाज में कक्षा नौ पास राहुल ने डीएम कानपुर से लेकर अन्य बड़े अफसरों को सीधे कॉल की। मकसद, बड़े अधिकारियों व व्यापारियों से मोटी रकम वसूल करना था।