Thursday, March 28, 2024
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ऐसे की जाती है रक्षा बंधन के दिन पूजा, जानिए

SI News Today

Raksha Bandhan Puja Vidhi: भाई-बहन को समर्पित त्योहार रक्षा बंधन 7 अगस्त को मनाया जाएगा। यह त्योहार भाई-बहन के प्यार को मजबूत करता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखियां बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का संकल्प करते हैं। राखी बांधने का एक शुभ मुहूर्त होता है, इस समय के बीच ही राखी बांधी जाती है। रक्षा बंधन के दिन सबसे पहले भाई और बहन दोनों स्नान करते हैं, इसके बाद भगवान की पूजा की जाती है। पूजा के लिए थाल में रोली, अक्षत रखकर दीपक जलाया जाता है। इसके साथ ही थाली में राखियां रखी होती हैं, उनकी भी साथ में पूजा की जाती है।

पूजा के बाद बहनें भाई के कुमकुम, रोली और अक्षत से तिलक लगाती हैं। इसके बाद भाईयों की दायीं कलाई पर बहनों के द्वारा राखी बांधी जाती है। साथ ही भाईयों का मिठाई से मुंह मीठा करवाती हैं। राखी बंधवाने के बाद भाई बहन की रक्षा का संकल्प लेता है और उन्हें कुछ गिफ्ट भी देता है। इसके साथ ही बहनें भी अपनी भाईयों की लंबी आयु और उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं। कई बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र के लिए इस दिन व्रत भी रखती हैं। रक्षाबंधन का एक मंत्र भी है, ‘येन बद्धो बलि: राजा दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल!!’ राखी बांधते वक्त इस मंत्र का उच्चारण किया जाता है, इस मंत्र के उच्चारण को शुभ माना जाता है। राखी के दिन भाई और बहन दोनों को शुद्ध वस्त्र धारण करने होते हैं।

बता दें, इस बार रक्षा बंधन पर खंडग्रास चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। इसलिए राखी बांधते वक्त चंद्र ग्रहण और भद्रकाल दोनों का ध्यान रखना जरूरी है। इन दोनों के दौरान राखी नहीं बांधी जाती। भद्रकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। ज्योतिषियों के मुताबिक इस साल राखी बांधने के लिए केवल पांच घंटे ही शुभ हैं। रक्षा बंधन के दिन चंद्र ग्रहण के सूतक का समय दोपहर 1 बजकर 52 मिनट से शुरू हो रहा है। इसलिए बहनों को चंद्रग्रहण लगने से पहले ही भाईयों को राखी बांधनी होगी। यह समय होगा सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 1.50 मिनट तक।

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