लखनऊ: आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के शक में रविवार सुबह सहारनपुर मदरसे से हिरासत में लिए गए तीन छात्रों को पूछताछ के बाद एटीएस ने क्लीनचिट देते कोतवाली प्रभारी के सुपुर्द कर दिया। इसी तरह शामली के जलालाबाद स्थित जामिया मदरसा मिफ्ता उल उलूम के दोनों कश्मीरी छात्रों को भी एटीएस टीम ने क्लीन चिट देकर रिहा कर दिया। दोनों छात्रों को मदरसे के मोहतमिम की सुपुर्दगी में दे दिया गया।
रविवार को एटीएस की टीम ने मुजफ्फरनगर के गांव कुटेसरा से बांग्लादेशी आतंकी अब्दुल्लाह- अल-मामून पुत्र रईसुद्दीन अहमद निवासी गांव हुसनपुर जिला मोमिनशाही बांग्लादेश को गिरफ्तार किया था। इसकी निशानदेही पर ही शामली से दो और देवबंद से तीन संदिग्ध को भी हिरासत में ले लिया गया था।
देवबंद से पकड़े गए जम्मू-कश्मीर के जनपद कुपवाड़ा के गांव तहरगाम निवासी दानिश, अब्दुल बासित निवासी कुपवाड़ा और अब्दुल रहमान निवासी नवादा जनपद भागलपुर, बिहार के साथ एटीएस ने हर बिंदु पर पूछताछ की। एक छात्र जामियातुशेख हुसैन अहमद अल मदनी, जबकि दूसरा छात्र जामिया इमाम मोहम्मद अनवर शाह में अध्ययनरत है। तीसरा अब्दुल रहमान इसी वर्ष दारुल उलूम वक्फ से मौलवियत पूरी करने के बाद दर्जी का काम सीख रहा है।
सोमवार सुबह अपर पुलिस अधीक्षक एटीएस ब्रजेश श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ तीनों युवकों को लेकर कोतवाली देवबंद पहुंचे। इंस्पेक्टर पंकज त्यागी ने मदरसा संचालकों को बुलवाकर तीनों छात्रों को उनके सुपुर्द कर दिया। दूसरी ओर शामली के जलालाबाद स्थित जामिया मिफ्ता उल उलूम के दो कश्मीरी छात्रों अब्दुल रहमान व आदिल हुसैन को भी एटीएस ने हिरासत में ले लिया था। सोमवार को पूछताछ के बाद एटीएस टीम ने दोनों छात्रों को क्लीन चिट दे दी।
मदरसा मोहतिमम के समक्ष छात्र अब्दुल रहमान व आदिल हुसैन ने बताया कि एटीएस के अधिकारी उन्हें सहारनपुर के तल्हेड़ी गेस्ट हाउस में ले गए थे। वहां पहले से देवबंद से हिरासत में लिए मदरसे के तीनों छात्र मौजूद थे। एटीएस की टीम ने उनसे अलग-अलग पूछताछ की।
पांव पसार रही अंसारउल्ला बांग्ला टीम: आतंकी अब्दुल्लाह फर्जी आइडी के सहारे बांग्लादेश से घुसपैठ करने वालों को रहने का ठिकाना उपलब्ध कराकर बड़ी वारदात करने की फिराक में था। वह बांग्लादेश में प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसार उल्ला बांग्ला टीम से जुड़ा हुआ है, जिसने कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है। अंसार उल्ला बांग्ला टीम (एबीटी) एक वेबसाइट के जरिए संचालित हो रही थी जिसका सर्वर पाकिस्तान में मौजूद था।
दो साल पहले हुआ था प्रतिबंधित: एबीटी पर बांग्लादेश गृह मंत्रलय ने दो साल पहले मई 2015 में ही प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके अधिकांश समर्थक युवा हैं और ऑनलाइन सक्रिय हैं। इसमें अधिकांश बांग्लादेश इस्लामी छात्र शिबिर और बांग्लादेश जमाते इस्लामी संगठन से भी जुड़े हुए हैं। एटीएस इस बात को भी खंगाल रही है कि अब्दुल्लाह और उसके साथी सोशल साइट्स की गतिविधियों में किस स्तर तक लिप्त थे।
एटीएस ने कराया मेडिकल परीक्षण : चरथावल के कुटेसरा से दबोचे गए अब्दुल्लाह को लेकर एटीएस ने सहारनपुर व शामली में रविवार को कई स्थानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद देर रात उसका मेडिकल कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंची। स्थानीय पुलिस इससे बेखबर रही। अब्दुल्लाह का मेडिकल कराने के बाद एटीएस ने कोर्ट से उसका ट्रांजिट रिमांड बनवाया।