अश्वनी श्रीवास्तव लखनऊ : यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का जब सीएम बनने का पत्ता साफ हो गया तो अब कहते फिर रहे हैं. “मैं सीएम नहीं बन रहा हूँ.” सच तो यह है जब से मौर्य ने सूबे के प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला था, तभी से उनके मन में इस बात की लालसा थी कि अगर यूपी में बीजेपी चुनाव जीतकर सरकार बनाती है तो वह सीएम बनेंगे. यहां तक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा न होने तक इस पद की दावेदारी उन्होंने नहीं छोड़ी थी, और तो और सीएम पद के लिए जैसे ही मौर्य की बजाय योगी आदित्यनाथ के नाम की घोषणा की गयी. ये सुनकर मौर्य के चेहरे पर झलक रही मुस्कान पल भर में ही गायब हो गयी.
मौर्य ने सीएम बनने के लिए जाप क्यों कराया ?
बावजूद इसके केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी. यहां तक कि अभी पिछले दिनों सीएम बनने के लिए दिल्ली में पूरी रात मौर्य ने काल भैरव मंदिर में जाप कराया था. तंत्रमंत्र का जाप करने के बाद भी उन्हें सीएम बनने का मौका नहीं मिला. यहां तक कि सीएम योगी के विरोध में एक अलग लॉबी मौर्य ने खड़ी कर दी. इस लामबंदी के चलते सीएम योगी का काम करना मुश्किल हो गया. यही नहीं सरकार का विपक्ष ने रोजाना मजाक उड़ाना शुरू कर दिया. तंग होकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में बैठे आलाकमान को इसकी जानकारी दी. जिसके चलते पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लखनऊ आना पड़ा.
शाह ने दिया था मोदी सरकार में मंत्री का न्योता
सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों अपने तीन दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे अमित शाह ने केशव प्रसाद मौर्य से इस संबंध में बात भी की. बताया जाता है कि शाह ने मौर्य को मोदी की कैबिनेट में मंत्री बनाने का भी न्योता भी दिया, लेकिन केशव ये बात जानते थे कि अगर वह दिल्ली की राजनीति करते हैं तो सूबे की राजनीति से उनका सफाया हो जायेगा. नतीजतन उन्होंने दिल्ली की सरकार में मंत्री पद का प्रस्ताव ठुकरा दिया. यही नहीं उन्होंने शाह से ये भी कहा कि अगर सरकार चलाने में दिक्कत हो रही है, तो वह डिप्टी सीएम का पद छोड़ सकते हैं, वह प्रदेश अध्यक्ष के पद में ही खुश हैं. हालांकि शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष तो बदला जायेगा.
अचानक क्यों सुर बदल गए केशव के ?
फिलहाल कानपुर में पर्यावरण की संगोष्ठी में पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए खुद के मुख्यमंत्री बनने की बात को गलत बताया. मौर्य ने कहा, ‘मैं सीएम योगी का सहयोगी हूं. विरोधी दल इस तरह की अफवाहें फैला कर हमारे बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे जिस काम के लिए पार्टी ने चुना है मैं उसे पूरी ईमानदारी से करने में जुटा हुआ हूं. जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को इन बेतुके तर्कों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. जबकि सच्चाई जनता भी जान चुकी है. बहरहाल इतना तो साफ है कि जो केशव चंद दिनों पहले तक सीएम बनने का जतन कर रहे थे, उनके सुर अचानक बदले हुए नजर आ रहे हैं. सूत्रों की मानें तो जाते-जाते पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया कि योगी ही सीएम रहेंगे. अगर वह यूपी में रहना चाहते हैं तो जो पद उन्हें सरकार में मिला है, उनके कर्तव्यों का निर्वाहन करें.