Thursday, March 28, 2024
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यूपी: तराई के जिले बाढ़ की चपेट में, सैकड़ों गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

SI News Today

लखनऊ: प्रदेश में पानी का सैलाब कहर बरपा रहा है। खासकर तराई के जिले बाढ़ की चपेट में हैं। सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। शारदा और घाघरा नदियों लाल निशान से ऊपर बह रही हैं। एनडीआरएफ की टीमें बचाव एवं राहत कार्य में जुटी हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।

बुधवार को लखीमपुर में बैराज से शारदा में एक लाख 42 हजार 172 क्यूसेक व घाघरा में एक लाख 11 हजार 207 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नदियों का जलस्तर बढ़ गया।

इससे तटवर्ती क्षेत्रों के करीब 100 गांवों में पानी भर गया। सीतापुर में घाघरा व शारदा नदियां उफान पर हैं। तटवर्ती क्षेत्र के करीब दो सौ गांवों में तेज धार चल रही है। इससे घरों में रखी गृहस्थी बाढ़ में तैर रही है। कोई स्कूल या पंचायत भवन की छतों पर ठहरा है, तो कोई अटान पर शरण लिए हुए है।

गोंडा में घाघरा खतरे के निशान से 61 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। यहां सरयू नदी भी खतरे के निशान को पार कर गई है। इससे कर्नलगंज क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। बाराबंकी में घाघरा लाल निशान से 62 सेमी. ऊपर बह रही है। बाढ़ से जिले के करीब 100 गांव घिरे हुए हैं, जिसमें से करीब दो हजार परिवार तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं।

बहराइच में एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से 61 सेमी ऊपर स्थिर रहा। जबकि महसी के घूरदेवी स्पर पर नदी का जलस्तर 112.130 मीटर रिकार्ड किया गया। महसी, कैसरगंज व मोतीपुर तहसीलों के तकरीबन 70 गांव पानी से घिरे हुए हैं जबकि बौंडी क्षेत्र के आठ गांवों में संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गया है। एनडीआरएफ व प्रशासनिक टीमों का बचाव व राहत कार्य जारी है।

बलिया में घाघरा के जलस्तर में तेजी से बढ़ाव होने से डेंजर जोन तिलापुर बंधे पर पानी का दबावा बनने लगा है। नदी लाल निशान से ऊपर बहने लगी है। इसके चलते कई क्षेत्रों में कटान तेज हो गया है। इधर, एनडीआरएफ की टीम कटान वाले क्षेत्रों में पैनी नजर रख रही है। आजमगढ़ और मऊ में नदियों का जलस्तर ऊफान पर हैं। वहीं वाराणसी में गंगा का जल स्तर स्थिर बना हुआ है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में देर शाम कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश हुई, जिससे उमस से राहत मिली।

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