Thursday, April 25, 2024
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नगरीय निकायों में 17 से 30 अगस्त तक चलेगा स्वच्छता अभियान…

SI News Today

लखनऊ: नगरीय निकायों में गुरुवार से 23 अगस्त तक प्रस्तावित विशेष स्वच्छता अभियान में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी नपेंगे और उम्दा काम करने पर विशेष पैकेज भी दिया जाएगा। यह घोषणा करते हुए नगरीय विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानभवन स्थित कक्ष में पत्रकारवार्ता के दौरान अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इंसेफ्लाइटिस से प्रभावित जिलों गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बस्ती, गोंडा, बहराइच, सिद्धार्थनरगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, सीतापुर, लखीमपुर खीरी व संतकबीरनगर में स्वच्छता अभियान 17 से 30 अगस्त तक चलेगा। खन्ना ने बताया कि सभी मंडलायुक्तों व जिला अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए है। अभियान की निगरानी करने के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए है। जो नियमित निगरानी करेगे और शासन को रिपोर्ट देंगे।

प्रतिबंधित पालीथीन पर सख्ती होगी : मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि जनवरी 2016 में हाईकोर्ट द्वारा दिए आदेशों का अनुपालन कराया जाएगा। सभी नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में प्रतिबंधित पालीथीन और प्लास्टिक से बनने वाली वस्तुओं कप -प्लेट व गिलास आदि के थोक व फुटकर विक्रेताओं को सूचीबद्ध करने को कहा गया है। कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। खुले में शौच से मुक्ति अभियान को कामयाब बनाने के लिए विशेष मुहिम छेड़ी जाएगी।

सफाईकर्मियों के नाम व फोन नंबर लिखें जाएंगे : खन्ना का कहना था कि वार्डस्तर पर सफाई की व्यवस्था दुरस्त बनाने के लिए प्रत्येक वार्ड में संबंधित सफाईकर्मियों के नाम और उनके फोन नंबर अंकित किए जा रहे है। प्रदेश स्तर पर भी कंट्रोल रूम की स्थापना होगी। नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारी से अपने क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान के कार्यों की रिपोर्ट को फोटोग्राफ सहित पांच सितंबर तक भेजना अनिवार्य किया गया है। नोडल अधिकारी अपने क्षेत्रों में प्रतिदिन फोन पर संपर्क कर अभियान की स्थिति का जायजा लेंगे। उन्होंने बताया कि विशेष सफाई अभियान से संबंधित समाचार पत्रों की कटिंग व फोटो आदि स्वच्छ भारत मिशन पोर्टल पर डालनी जरूरी है।

नवंबर में निकाय चुनाव प्रस्तावित : खन्ना ने बताया कि सरकार नगरीय चुनाव कराने से भाग नहीं रही वरन पूर्ववर्ती सरकारों की परिसीमन आदि समस्याओं का तेजी से निदान कराया जा रहा है। सरकार की ओर नवंबर में चुनाव प्रस्तावित किया गया है। अंतिम फैसला आयोग को ही करना होगा।

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