लखनऊ” प्रदेश के अधिसंख्य मदरसों में धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। आजादी के मतवालों की कुर्बानियों को याद कर तकरीरें भी हुईं, लेकिन कानपुर, बरेली समेत कई जिलों के कुछ मदरसों में राष्ट्रगान न गाकर इकबाल का तराना-सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा गाया गया।
राजधानी लखनऊ के कुछ मदरसों में भी राष्ट्रगान से परहेज किया गया। प्रशासन ने ऐसे मदरसों की सूची तलब की है। हालांकि अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, अमेठी, गोंडा, बहराइच, फैजाबाद और रायबरेली के मदरसों में ध्वजारोहण के साथ ही राष्ट्रगान गाया गया, लेकिन कानपुर के अधिकांश मदरसों में ये कहकर वीडियोग्राफी भी नहीं कराई गई कि हमें देशभक्ति का प्रमाण देने की जरूरत नहीं है।
सहारनपुर के मदरसा बुस्तानुल उलूम में सपा नेता ने समर्थकों संग राष्ट्रगान का विरोध करते हुए पथराव व लाठी-डंडों से हमला कर दिया। कई छात्र जख्मी हो गए। फायरिंग भी की। गुस्साए मुस्लिमों ने दिल्ली रोड पर जाम लगाकर हंगामा किया। बाद में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मदरसे में राष्ट्रगान हुआ।
बरेली मंडल के मदरसों में तिरंगा फहराने के बाद इकबाल का तराना गाया गया। कई जगह पुलिस ने वीडियोग्राफी कराने की कोशिश की तो विरोध आड़े आ गया। दरगाह आला हजरत के फरमान का असर सुन्नी मदरसों में दिखा। इनमें राष्ट्रगान नहीं हुआ।
हालांकि, शिया और देवबंदी मसलक के मदरसों में राष्ट्रगान हुआ। दरगाह ने दावा किया कि वाराणसी, गोरखपुर, गाजियाबाद, बदायूं, मुरादाबाद से लेकर देशभर के सुन्नी मदरसों में राष्ट्रगान के बजाय तराना गूंजने की रिपोर्ट पहुंची है।