Friday, April 19, 2024
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मेरे लिखने तक कई पुल, सड़कें और जिंदगियां बह गई होंगी,फेसबुक अड्डा से विवेक मिश्रा

SI News Today

Source :Viwe Source

30 बच्चों की मौत की खबर ने हम सबको भीतर तक हिला दिया है। यहां साल-दर-साल कुछ ऐसा भी हो रहा है जो हमको ठंडा किये दे रहा। बेहतर मानसून है फिर भी कर्नाटक और महाराष्ट्र के कुछ जिले सूखे की मार झेल रहे हैं। सोचिये बाद में क्या होगा। न गठबंधन न महागठबंधन और न ही मौजूदा राजा, किसी की प्राथमिकताओं में यह नही है। यूपी, बिहार, गुजरात, असम जैसे सूबों के कुछ हिस्सो में गले तक पानी भर आया है। यहां भी ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी गयी है। मरने वाले की गिनती नही है। मॉडर्न युग है, कई इलाकों में सम्पर्क नहीं हो रहा। राहत बचाव टीम कहीं पहुंची है और कहीं आस का दीप टमटमा रहा। असम में काजीरंगा करीब-करीब डूब गया है। बिहार का सीमांचल जल समाधि लेने को है। यूपी में घाघरा, राप्ती, शारदा की विभीषिका नापी जा रही है। सरकार की व्यवस्थाएं बह गयी हैं। सड़के, पुल और कुछ कमजोर घर। इन सबसे ज़्यादा कीमती, लोगों की जिंदगियां बाढ़ में तैर-तैर कर थक चुकी हैं। खुद को लहरों के साथ छोड़ देना चाहती हैं। तर जाना चाहती हैं। मेरे लिखने तक कई पुल, सड़कें और जिंदगियां बह गई होंगी। अनुपम जी आप नहीं हैं वरना बताते की नदी, तलाब, पोखरों के साथ हमने क्या किया? सलूक का बदला है यह। नहीं, खतरे के निशान हमने ही बनाये हैं। इन नदियों ने नहीं। तटबन्ध और बांधों को ऊंचा करने में सरकार अपनी जीत समझती है। जिंदगियां हार रहें समाज को भी अब समझना होगा। ऊंचाई उपाय नहीं है। 2013 की बाढ़ नाप रहा था, चेतावनी उसी वक़्त मिली थी, आप लोगों तक पंहुचाने की कोशिश हुई लेकिन शायद नाकाम रहा या फिर अपना समाज असंवेदनशील। बाढ़ बचाव के लिए दीर्घकालिक उपाय ही हो सकता है क्योंकि बाढ़ एक दिन में विभीषक नही बनी। कुछ उपाय जो इस विभीषका को कम कर सकते हैं-

1: नदियों के डूब क्षेत्र का अस्तित्व बचा लिया जाये। उन्हें भी दिशा बदलने और 2 से 4 किलोमीटर तक अपने क्षेत्र में घूमने की आज़ादी हो।

2. आबादी का पुनर्वास कराकर तटबन्ध तोड़ दिये जाएं। नदियों की अविरल धारा को बाधित करने वाले और उनके क्षेत्र का अतिक्रमण करने वाले बांधो और पुलों को हटाया जाये।

3. नदी की पारिस्थितिकी को बेहतर करने के उपाय किये जाएं। नदी किनारों पर सघन वानिकी की जाये। तटबन्ध की जगह पेड़ की दीवार बनायी जाये।

इन उपायों से बाढ़ की विभीषका को कम किया जा सकता है। आज़ादी नदियों को भी पसन्द है। इन उपायों और विचारों से सहमति-असहमति हो सकती है। Dinesh Mishra
sir आप से भी जानकारी की चाहत है।

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