भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में धमाल मचाने के बाद स्वदेश लौट आए हैं। शमी का घर पश्चिम बंगाल के पोद्दारनगर इलाके में स्थित है। कुछ स्थानीय निवासियों से लगातार धमकी और गालियां मिलने के कारण शमी अपने परिवार को अकेला छोड़ने में डरते हैं। यहां तक कि उन्हें अपने घर में भी असुरक्षा महसूस होती है। शमी का पिछले महीने एक स्थानीय नाई शिवा प्रमानिक से झगड़ा हुआ था।
नोकझोंक इस बात को लेकर थी कि शमी को प्रिंस गोलाम मोहम्मद शाह रोड स्थित फ्लैट में अपनी बीएमडब्ल्यू कार पार्क करने में थोड़ा वक्त लग रहा था। प्रमानिक भागते हुए उनके पास आए और पूछा कि उन्हें कार पार्क करने में उन्हें इतना वक्त क्यों लग रहा है। इसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि प्रमानिक भागकर सैलून मालिक स्वरूप सरकार और जयंत सरकार को बुला लाया। प्रमानिक अन्य दो लोगों के साथ शमी के अपार्टमेंट में गए और जोर-जोर से दरवाजा पीटने लगे।
शमी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बाद में वह जमानत पर रिहा हो गए। इस घटना के बाद से शमी विदेशी दौरों पर रहते हुए अपने परिवार वालों के लिए चिंतित रहते हैं। टाइम्स अॉफ इंडिया से बातचीत में शमी ने कहा, यहां रहते हुए मुझे अपने और परिवार के लिए असुरक्षित महसूस होता है। जब मैं बाहर होता हूं तो मैं उन्हें यहां रहने नहीं दे सकता। शमी ने कहा, मेरी पत्नी इस फ्लैट में नहीं रहना चाहती, लेकिन मैं डरपोक नहीं हूं। मैं क्यों भागूं?
शमी ने कहा, मुझे दुख इस बात का है हमारे एरिया के लोगों या प्रशासन ने भी मुझसे यह नहीं पूछा कि क्या मैं हादसे के बाद ठीक हूं या नहीं। उन्होंने कहा, मैं कैसे उस शख्स को माफ कर दूं, जिसने मेरी पत्नी को धमकाया और बेटी को रुलाया। मैं उन्हें माफ नहीं करने वाला। इस घटना से मुझे बहुत दुख हुआ। शमी ने यह भी कहा कि जब मेरे जैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के साथ यह हो सकता है तो यह जगह आम जनता के लिए सुरक्षित कैसे हो सकती है। सरकार्स के सैलून में अकसर जाने वाले दिलीप दास ने कहा कि वह शमी के साथ हुई घटना को भूल चुके हैं, क्योंकि एेसे हादसे यहां होते रहते हैं। उन्होंने कहा, यह छोटे हादसे हैं, जिस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता।