रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने एक के बाद एक रेल हादसों पर सफाई दी है। प्रभु ने ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और पीएम ने उनसे इंतजार करने को कहा है। यूपी में चार दिनों के भीतर दो ट्रेनें पटरी से उतर गईं जिसके बाद विपक्ष रेलमंत्री का इस्तीफा लेने पर अड़ा है। हंगामे के बीच रेलवे बोर्ड चेयरमैन एके मित्तल ने इस्तीफा दे दिया है। सुरेश प्रभु ने ट्वीट कर कहा, ”बतौर मंत्री तीन साल से कम समय में, मैंने रेलवे की बेहतरी के लिए अपना खून-पसीना बहाया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम दो दशक के ढांचागत सुधारों को अंजाम दिया है, अभूतपूर्व निवेश और उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रधानमंत्री के सपनों के न्यू इंडिया में एक ऐसा रेलवे होना चाहिए जो आधुनिक और प्रभावी हो। मैं विश्वास दिलाता हूं कि रेलवे उसी रास्ते पर आगे बढ़ रही है।” सुरेश प्रभु ने हादसों पर दुख जताते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री से बात की है। उन्होंने लिखा, ”दुर्भाग्यपूर्ण हादसों, यात्रियों की जीवन क्षति, से बेहद दुखी हूं। इससे मुझे बेहद तकलीफ पहुंची है। मैं नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री से मिला था, उन्होंने मुझसे इंतजार करने को कहा है।”
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जिले में शनिवार को कलिंग उत्कल एक्सप्रेस बेपटरी हो गई थी, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई थी। रेलवे ने दोषी अधिकारियों और कर्मचारियोंके खिलाफ कार्रवाई भी की। इस बीच, बुधवार को औरेया जिले में कैफियत एक्सप्रेस एक डंपर को टक्कर मारने के बाद पटरी से उतर गई, जिसमें 74 लोग घायल हो गए। दोनों हादसे उत्तर प्रदेश में हुए हैं। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए.के. मित्तल ने भी दुर्घटनाओं के मद्देनजर इस्तीफे की पेशकश की है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि मित्तल ने इस्तीफा दे दिया है।
कलिंग उत्कल एक्सप्रेस हादसे के बाद कांग्रेस ने कहा था कि मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद 27 रेल दुर्घटनाओं में 259 यात्रियों की जान जा चुकी है, जबकि 899 घायल हुए हैं। कलिंग उत्कल एक्सप्रेस हादसे की शुरुआती जांच से पता चला है कि हादसा रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हुआ।