लखनऊ” आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी प्रभुनाथ से पूछताछ की है। झांसी में एसडीएम के पद पर तैनात रहने के दौरान प्रभुनाथ पर सेना की जासूसी के आरोप लगे थे लेकिन, उन्होंने इसे सिरे से खारिज किया। प्रभुनाथ का कहना था कि न तो उन्होंने किसी को कोई कागजात देने के निर्देश दिए और न ही उनसे इस सिलसिले में किसी ने मुलाकात की थी।
अभी हाल में प्रभुनाथ को गोरखपुर के एडीएम प्रशासन पद से हटाकर उप भूमि व्यवस्था, आयुक्त राजस्व परिषद, लखनऊ के पद पर तैनाती दी गई है। झांसी में एसडीएम सदर के रूप में प्रभुनाथ तैनात रहे हैं। एटीएस ने अभी हाल में जांच में पाया था कि झांसी एसडीएम सदर कार्यालय से भारतीय सेना से जुड़ी प्रतिबंधित सूचनाएं पाकिस्तान के जासूसों को दी जा रही थी।
इस मामले में एटीएस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो सबसे पहले कार्यालय का स्टेनो पकड़ में आया। स्टेनो का कहना था कि उसने एसडीएम सदर के कहने पर ही सूचनाएं लीक की। मामला 2009 का है। एटीएस ने स्टेनो के बयान के बाद प्रभुनाथ को पूछताछ के लिए पहले कई नोटिस दी थी लेकिन, बाढ़ और कार्यों की व्यस्तता का हवाला देकर वह एटीएस की नोटिस के बावजूद नहीं आए। अब उन्होंने पूछताछ में अपनी स्थिति साफ की है।