Saturday, April 20, 2024
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गोरखपुर हादसा: बीआरडी मेडिकल कालेज मामले में कोई फरार तो कोई बीमार..

SI News Today

गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कालेज प्रकरण में जांच रिपोर्ट आने के बाद कालेज परिसर में पूरे दिन चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। डाक्टर से लेकर कर्मचारी तक आगे की कार्रवाई को लेकर कयास लगाने में जुटे रहे। मामले में जिन लोगों के नाम जुड़े हैं उनमें से दो लोगों का पता नहीं है। दो डाक्टर खुद को बीमार बताकर मेडिकल लीव पर चले गए हैं।

कालेज परिसर सबसे पहले छोडऩे वालों में निलंबित प्राचार्य डा. राजीव मिश्र व उनकी पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ला शामिल हैं। दोनों का 18 अगस्त से ही कुछ पता नहीं है। कालेज स्थित आवास पर ताला लटक रहा है। फोन स्विच आफ मिल रहा है। इसी तरह डा. कफील खान भी बीमारी का बहाना बनाकर 14 अगस्त से ही मेडिकल लीव पर हैं। महानगर स्थित उनका निजी अस्पताल बंद है। कहां हैं किसी को पता नहीं। विभाग के चिकित्सक व कर्मचारी सिर्फ इतना ही बता पा रहे हैं कि डा. कफील मेडिकल लीव पर हैं। फोन नहीं मिल रहा है।

रिपोर्ट में दोषी पाए गए एक अन्य चिकित्सक व ऐनिस्थीसिया के विभागाध्यक्ष डा. सतीश कुमार की भी यही स्थिति है। वह हाल के दिनों तक विभाग में आ जा रहे थे। गुरुवार को कालेज में दिखाई नहीं पड़े। ऐनिस्थीसिया विभाग स्थित उनके कमरे में ताला तो नहीं लगा था, लेकिन बाहर से बंद था। जब प्राचार्य से बात की गई तो पता चला कि मेडिकल लीव पर हैं। हमेशा फोन पर उपलब्ध रहने वाले डा. सतीश कुमार का फोन बंद मिल रहा है।

हां, रिपोर्ट में दोषी पाए गए कर्मचारी कालेज परिसर में मौजूद रहे। इनमें से संजय कुमार त्रिपाठी व उदयराज शर्मा ने निलंबित होने के बाद प्राचार्य कार्यालय पहुंचकर अपने निलंबन का आदेश रिसीव भी कर लिया। एक अन्य कर्मचारी गजानन जायसवाल सुबह दिखाई पड़े लेकिन इसके बाद नहीं दिखे। निलंबित कर्मचारी सुधीर पांडेय न तो कालेज में नजर आए और न ही प्राचार्य कार्यालय में ही दिखे। नेहरू अस्पताल स्थित उनका कार्यालय भी बंद था।

जब प्राचार्य डा. पीके सिंह से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनको पांडेय के अवकाश के बारे में कोई जानकारी नही हैं। यदि वह निलंबन का आदेश रिसीव करने नहीं पहुंचे तो उनके घर पर नोटिस चस्पा कर दी जाएगी।

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