लखनऊ: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम पर आए फैसले के बाद मचे बवाल के चलते सड़क और रेल गमनागमन प्रभावित है। रेल व बस स्टैंड पर सुरक्षा बढ़ा दी गई हैं। आज हाथरस से मथुरा, बुलंदशहर तक ही बसें चलाई गईं। हरियाणा, गाजियाबाद, दिल्ली के लिए बसों का संचालन नहीं किया गया। अलीगढ़ से बल्लभगढ़ जाने वाली बसें रोक दी गईं। हिसार जाने वाली गोरखधाम एक्सप्रेस अलीगढ़ में रोक दी गई। ट्रेन से जाने वाले 150 यात्रियों ने हिसार यात्रा रद कर दी। दिल्ली जाने वाले करीब दो हजार यात्रियों को नंदनकानन एक्सप्रेस से भेजा गया।
ध्वस्त स्लीपरों और पटरी बदलने में जुटा रेलवे
कैफियात एक्सप्रेस हादसे के बाद भले ही दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग को शुरू कर दिया गया हो, लेकिन अभी भी ट्रेनों का संचालन पहले की तरह पटरी पर नहीं आ सका है। कार्य पूरा करने के लिए रेलवे के कर्मचारी दिन रात लगे हुए हैं। काशन लगा ट्रेनों को धीमी गति से निकाला जा रहा है। करीब तीन सौ मीटर पटरी को बदलने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। अछल्दा स्टेशन के पास गांव खजुरियनपुर्वा के सामने 23 अगस्त की देर रात कैफियात एक्सप्रेस डंपर से टकराने के बाद पलट गई थी।
इसमें करीब 81 यात्री घायल हो गए थे। हादसे के दिन से ही रेल मार्ग दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर दिया गया था। 28 घंटे बाद काशन पर ट्रेनों को गुजारने के साथ ट्रैक को शुरू करा दिया गया था। अभी भी सैकड़ों रेलवे कर्मचारी खंभा नंबर 1114 से 1117 तक स्लीपरों और पटरियों को बदलने-मजबूत करने में जुटे हैं। इलाहाबाद सेक्शन इंचार्ज की देखरेख में कार्य किए जा रहे हैं। किसी तरह की कमी न रह जाए, इसके लिए कई सेक्शन के इंजीनियर व पीडब्ल्यूआइ भी मौजूद हैं। ब्लाक लेकर कार्य करवाया जा रहा हैं।
ब्लाक लेने से स्टेशनों पर खड़ी रहीं ट्रेनें
कैफियात एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से अभी तक दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग का ट्रेन संचालन पटरी पर नहीं लौट पा रहा है। पटरियां दुरुस्त करने को बार बार ब्लाक लेकर ट्रेनें रोकी जा रही हैं। शताब्दी व राजधानी को गुजारने के चक्कर में अन्य ट्रेनों को घंटों तक स्टेशनों पर खड़ा रखा जा रहा है। इससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। शुक्रवार को अछल्दा व कंचौसी स्टेशन पर तूफान एक्सप्रेस व सीमांचल एक्सप्रेस को एक घंटे से अधिक देर तक रोक कर रखा गया।
23 अगस्त को अछल्दा के खजुरियन पुरवा गांव के सामने ट्रैक पर डंपर से टकराकर कैफियात एक्सप्रेस पलट गई थी। इसके चलते यहां की पटरी और स्लीपर टूट गई थीं। हादसे के दिन से ही रेलवे कर्मचारी इसे दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। तीसरे दिन भी इसका असर ट्रेनों के संचालन पर दिखा। गंगानगर से चलकर हावड़ा जा रही डाउन तूफान एक्सप्रेस ब्लाक के चलते डेढ़ घंटे अछल्दा स्टेशन पर खड़ी रही। कानपुर से चलकर टूंडला जाने वाली मेमू ट्रेन शाम को चार घंटे देरी से आई। यात्रियों स्टेशन पर बैठकर इंतजार करते रहे। वहीं कंचौसी स्टेशन पर सीमांचल एक्सप्रेस को रोक दिया गया, जो करीब एक घंटे तक खड़ी रही। इस दौरान यात्री पानी और खाने पीने के लिए भटकते रहे।