लखनऊ: राज्य सरकार ने पीएचडी में दाखिले के लिए स्टेट लेवल एलिजिबिलिटी टेस्ट (स्लेट) की दिशा में कदम बढ़ाया है। स्लेट के आयोजन की आवश्यकता पर विचार करने के लिए शासन ने समिति गठित कर दी है। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति इस समिति के अध्यक्ष बनाये गए हैं। वहीं बरेली के महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति और लखनऊ के ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति समिति के सदस्य और बीएनएसडी महाविद्यालय लखनऊ के प्राचार्य संयोजक सदस्य नामित किये गए हैं।
पीएचडी में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) की तर्ज पर प्रदेश में स्लेट पहले भी दो बार आयोजित की जा चुकी है लेकिन दोनों बार इसका आयोजन बंद कर दिया गया। उधर महाविद्यालयों में यूजीसी के मानक के अनुसार नेट उत्तीर्ण कर पीएचडी करने वाले शिक्षकों की जबर्दस्त कमी है। ऐसे शिक्षक ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं। हाल ही में राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी।
कई कुलपतियों ने नेट की तर्ज पर स्लेट आयोजित करने की वकालत की थी तो कुछ ने इससे असहमति जतायी थी। स्लेट के आयोजन की आवश्यकता और औचित्य के बारे में रिपोर्ट देने के लिए तब एक कमेटी गठित करने का निर्णय हुआ था। उसी क्रम में शासन ने समिति गठित कर दी है।