बाढ़ प्रभावित बिहार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 करोड़ रुपए की मदद देने का एलान किया है। पीएम मोदी ने बाढ़ प्रभावित बिहार की मदद करने का फैसला वहां के हालात को हेलिकॉप्टर से देखने के बाद किया। मोदी के साथ नीतीश ने भी राज्य का दौरा किया था। प्रधानमंत्री ने नुकसान के आकलन के लिए तुरंत ही एक सेंट्रल टीम भेजने का भी आश्वासन दिया है। बाढ़ से प्रभावित सड़कों की मरम्मत के लिए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को उपयुक्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है। बाढ़ से प्रभावित विद्युत् इंफ्रास्ट्रक्चर की शीघ्र बहाली के लिए भी केन्द्र, राज्य सरकार की हर संभव मदद करेगा | प्रधान मंत्री राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिवार को 2 लाख रुपए एवं गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को 50 हजार रुपए की दर से सहायता दी जाएगी।
राज्य के कई क्षेत्रों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है। पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ की चपेट में आने से 39 लोगों की मौत हो गई, जिससे बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 418 तक पहुंच गई है। बिहार में बाढ़ से 1.67 करोड़ से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।
अररिया में सबसे ज्यादा 87 लोगों की मौत हुई है, जबकि किशनगंज में 24, पूर्णिया में नौ, कटिहार में 40, पूर्वी चंपारण में 32, पश्चिमी चंपारण में 36, दरभंगा में 26, मधुबनी में 28, सीतामढ़ी में 43, शिवहर में चार, सुपौल में 16, मधेपुरा में 22, गोपालगंज में 20, सहरसा में आठ, मुजफ्फरपुर में सात, समस्तीपुर में दो तथा खगड़िया और सारण में सात-सात लोगों की मौत हुई है। सीवान के एक प्रखंड की चार पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है। यहां से किसी की मौत की सूचना नहीं है।
इस वक्त बिहार में बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार है। पिछले दिनों ही नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन किया है। बीजेपी के सुशील मोदी बिहार के उप मुख्यमंत्री हैं। नीतीश की पार्टी जनता दल युनाइटेड के शरद यादव इस गठबंधन के खिलाफ हैं। इस गठबंधन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए लालू प्रसाद यादव ने 27 अगस्त को रैली भी रखी है। लेकिन बाढ़ की वजह से बिगड़ते हालात की वजह से कई नेताओं ने रैली ना करने की हिदायत भी दी है। कांग्रेस और बसपा की तरफ से रैली में ना जाने की बात कही जा चुकी है।