Friday, March 29, 2024
featuredदिल्ली

मिट्टी का परीक्षण शुरू, दिसंबर तक तैयार हो जाएगा वैशाली से मोहन नगर मेट्रो का डीपीआर…

SI News Today

दिल्लीमेट्रो के इतिहास में त्रिलोकपुरी में 255 मीटर जमीन के अधिग्रहण पुनर्वास की मिस्ट्री 6 साल में 100 से ज्यादा बैठक और चिट्‌ठी के बाद भी नहीं सुलझी है। इस हिस्से में 108 परिवारों को पुनर्वासित करना है जिसमें 66 के लिए फ्लैट्स निर्माण शुरू हो गया है जबकि 42 के लिए अभी जमीन और लैंड यूज चेंज का मामला नहीं सुलझा है। डीएमआरसी, डूसिब, डीडीए, शहरी विकास, मुख्य सचिव, स्थानीय सांसद, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और पुलिस, त्रिलोकपुरी आरडब्ल्यूए के बीच झूलती व्यवस्था के कारण कभी निर्माण रुका, कभी लोग पुनर्वास को तैयार नहीं हुए तो डायरेक्टर स्तर की कमेटी के मुआवजा सिफारिश पर डीएमआरसी बोर्ड तैयार नहीं हुआ।

शिव विहार-मुकुंदपुर कॉरिडोर का 58 किमी का मेट्रो का सबसे लंबा ट्रैक दिसंबर 2016 तक जनता के लिए चालू होना था। हसनपुर में प्राइवेट जमीन खरीद ली। मायापुरी में मामला सुलझ गया लेकिन त्रिलोकपुरी में एक साल में जमीन आवंटन, लैंड यूज चेंज फिर स्थानीय लोग कभी तैयार और कभी मना करने के बीच अभी तक अटका है।

डीएमआरसी ने दिसंबर 2016 की जगह मार्च 2018 तक पूरे कॉरिडोर पर मेट्रो चलाने का लक्ष्य रखा है लेकिन त्रिलोकपुरी 15 ब्लॉक के कारण यह कनेक्टिविटी टूटेगी। शिव विहार से आने वालों को त्रिलोकपुरी और मुकुंदपुर से आने वालों को मयूर विहार पॉकेट-एक पर यात्रा खत्म करनी पड़ेगी। इससे उत्तर पूर्वी, पूर्वी दिल्ली को दक्षिण, पश्चिम और उत्तरी दिल्ली को जोड़ने का प्लान 2019 के पहले पूरा होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि पहले लैंड यूज परिवर्तन, फिर एक साल 42 फ्लैट्स निर्माण और फिर उस हिस्से के निर्माण में समय लगेगा।

SI News Today

Leave a Reply