Friday, March 29, 2024
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पेट की चर्बी से बढ़ सकता है कैंसर होने का खतरा..

SI News Today

पेट का मोटापा एक आम शारीरिक समस्या है। कुछ लोग इसे बड़ी गंभीरता से लेते हैं और इससे छुटकारा पाने के हर उपाय पर काम करते हैं। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिनके लिए यह कोई चिंताजनक बात नहीं होती। अगर आपको भी ऐसा ही लगता है कि मोटापे से आपको कोई बड़ा नुकसान नहीं होने वाला है तो संभल जाइए। एक ताजा शोध में यह बात सामने आई है कि पेट के मोटापे की वजह से कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है। शोध में कहा गया है कि मोटापे की वजह से ब्रीस्ट, कोलोन, प्रोस्टेट, यूटेरस और किडनी कैंसर होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।

Oncogene पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि पेट की चर्बी उन प्रोटीन्स का उत्सर्जन ज्यादा मात्रा में करती है जो शरीर के गैर-कैंसर कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में बदलने का काम करते हैं। शोध से जुड़े एक शोधकर्ता बताते हैं कि शरीर के बॉडी मास इंडेक्स से इस खतरे का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। कैंसर के खतरे को सूचित करने के लिए पेट का मोटापा और खास तौर पर फाइब्रोब्लास्ट ग्रोथ फैक्टर 2 नाम का प्रोटीन ज्यादा बेहतर इंडिकेटर होता है। यह हमें नॉन – कैंसरस सेल्स को कैंसर सेल्स में बदल जाने की सूचना देता है।

शोधकर्ताओं ने एक चूहे पर अध्ययन करते हुए पाया कि उसे उच्च वसा युक्त भोजन देने पर फैट की सबसे ज्यादा खतरे वाली परत त्वचा के नीचे के फैट से ज्यादा फाइब्रोब्लास्ट ग्रोथ फैक्टर 2 प्रोटीन का उत्पादन करती है। रिसर्चर्स ने हिस्टरेक्टमी से गुजरने वाली महिलाओं का अध्ययन कर यह पाया कि जब वसा से फाइब्रोब्लास्ट ग्रोथ फैक्टर 2 प्रोटीन की ज्यादा मात्रा का स्राव होता है तब ज्यादातर कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं में बदल जाती हैं।

इन दोनों अध्ययनों से यह साफ पता चलता है कि चूहों और इंसानों, दोनों में ज्यादा फैट कैंसर न फैलाने वाली कोशिकाओं को कैंसर वाली कोशिकाओं में बदल देता है। शोधकर्ताओं ने आगे बताया कि फैट से निकलने वाले इस तरह के कई कारक हैं जो कैंसर के खतरे को प्रभावित करते हैं, लेकिन ज्यादातर शोधों में यह साबित हुआ है कि यह सीधे तौर पर कैंसर के खतरे के लिए उत्तरदायी नहीं होते बल्कि यह उन खतरों के कारकों से कहीं न कहीं से केवल जुड़े हुए होते हैं।

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