लखनऊ: लखीमपुर निवासी 12 वर्षीय किशोरी का ऑपरेशन कारगर नहीं हुआ। डॉक्टरों के काफी प्रयास के बावजूद किशोरी को अपंगता से बचाया नहीं जा सका। संक्रमण का खतरा बढऩे से सोमवार को उसका हाथ काट दिया गया।
लखीमपुर निवासी शिवानी पर 23 अगस्त को तलवार से प्रहार कर हाथ काट दिए गए थे। केजीएमयू रेफर की गई शिवानी का डॉक्टरों ने देर रात ऑपरेशन शुरू किया। करीब 11 घंटे चली सर्जरी में चिकित्सकों ने 24 अगस्त को सुबह शिवानी बायां हाथ कलाई से जोड़ दिया। मगर हाथ में रक्त प्रवाह सही नहीं रहा। ऐसे में डॉक्टरों को दोबारा ऑपरेशन करना पड़ा।
चिकित्सकों ने शिवानी के पैर की नसें निकालकर हाथों में लगाकर रक्त आपूर्ति शुरू की, लेकिन स्थिति फिर बिगड़ गई। जोड़े गए बाएं हाथ में इस बार रक्त आपूर्ति बाधित होने के साथ-साथ संक्रमण का खतरा मंडराने लगा। ऐसे मेें सोमवार को डॉक्टरों को शिवानी का हाथ शरीर से अलग करना पड़ा।
जिंदगी बचाना था जरूरी
प्लास्टिक सर्जन डॉ. बृजेश कुमार ने बताया कि शिवानी के हाथ को बचाने का काफी प्रयास किया गया। दो बार सर्जरी की गई। मगर फिर रक्त आपूर्ति बाधित हो गई। उसमें इंफेक्शन होने लगा। ऐसे में शरीर में संक्रमण फैलने का खतरा हो गया, जो कि उसकी जान के लिए भी घातक हो सकता था।
जल्दी लाते तो बेहतर आते रिजल्ट
दरअसल, कटे हुए हाथ की छह घंटे के अंदर सर्जरी शुरू हो जानी चाहिए। कारण, कटे हुए अंग में खून का दौरान बंद हो जाता है। धीरे-धीरे कटे अंग में कोशिकाएं मृत (मायोनेक्रोसिस) होने लगती हैं। ऐसे में रिकवरी में मुश्किल होती है। इस मरीज के साथ ढाई बजे दिन में घटना हुई और परिजन गोल्डन ऑवर में नहीं पहुंच सके थे।
कटे अंग को ऐसे रखें
-सबसे पहले साफ पानी से अंग को धोएं, रगड़े नहीं
-साफ रुई में पानी लेकर या नार्मल सेलाइन से सफाई करें
-इसके बाद साफ पॉलीथीन के बैग में रखें
-पॉलीथीन बैग को बर्फ से भरे हुई दूसरी पॉलीथीन या फिर कंटेनर में रखें
-कटे हुए अंग को सीधे बर्फ में रखने से बचें
-केजीएमयू पहुंचने से पहले हेल्पलाइन नंबर 9415200444 पर सूचना दे दें
-सूचना मिलने से प्लास्टिक सर्जरी की टीम अलर्ट हो जाएगी
-जितनी जल्द मरीज व कटे अंग को सुरक्षित लेकर अस्पताल पहुंचेंगे, रीइंप्लांट में उतना ही बेहतर रिजल्ट आएगा