योगा कई तरह के स्वास्थ्य संबंधी फायदों का भंडार होता है। शारीरिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाने के लिए योगासनों का अभ्यास चमत्कारिक परिणाम देता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि रोजाना केवल 25 मिनट आसन, प्राणायाम और ध्यान के संयोजन वाला योगाभ्यास करने से दिमाग की कार्यक्षमता और एनर्जी लेवल काफी तेजी से बेहतर होता है। शोध में बताया गया है कि रोजाना हठयोग करने से दिमाग की फंक्शनिंग और संज्ञानात्मक क्षमता और अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़निश्चय में अभूतपूर्व सुधार और विकास होता है।
कनाडा की ओंटारियो स्थिति यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू में सहायक प्राध्यापक पीटर हॉल ने कहा कि हठ योग और दिमागी ध्यान दोनों ही के अभ्यास के बाद सकारात्मक प्रभाव दिखाई देने लगते हैं। इससे लोग अपनी जिंदगी में जो करना चाहते हैं उस पर अधिक आसानी से ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।” पश्चिमी देशों में योग की सबसे लोकप्रिय पद्धतियों में हठयोग शामिल है, जिसमें ध्यान करते हुए शारीरिक गतिविधियों के साथ-साथ सांसों का भी अभ्यास किया जाता है। दिमागी ध्यान तमाम तरह के विचारों, भावनाओं तथा बॉडी सेंसेशन को ऑब्जर्व करने का संयोजन है। शोध में शामिल लोग 25 मिनट तक दिमागी ध्यान और हठयोग करने के बाद रैंडमाइज्ड ऑर्डर में लिखे किसी चीज को पढ़ने में सफल रहे थे।
योग एक ऐसा विज्ञान है जिससे असाध्य से असाध्य रोगों का इलाज संभव होता है। यह न सिर्फ तमाम तरह की बीमारियों से सुरक्षा करने में मदद करता है बल्कि शरीर के ठीक तरह से काम करने के लिए आवश्यक ऊर्जा भी प्रदान करता है। यह न केवल शारीरिक आरोग्य के लिए आवश्यक अभ्यास है बल्कि तमाम मानसिक समस्याओं का भी इलाज इसके पास मौजूद है। नियमित रूप से योगाभ्यास करने से निरोगी काया होने की पुष्टि आज के तमाम शोधों से हो जाती है। यह शोध भी हठयोग और ध्यान के महत्व को सिद्ध करने वाला ही है।