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अशोक सिंह राजपूत -लखनऊ मेट्रो के संचालन के बाद मेट्रो-रेल में रोज की प्रगट हो रहीं तकनीकी-गड़बड़ियों के लिए पुरानी “अखिलेश-समाजवादी सरकार” की नाकामी-बदनामी का श्रेय योगी-भाजपा सरकार क्यों बटोरे, मेट्रो का कामर्शियल-रन शुरू होते ही कोचों में रोजाना आने वाली गड़बड़ियों के चलते आम जनता के रोष का शिकार हो रही लखनऊ मेट्रो की प्रबंधन टीम के लिए एक और बुरी खबर है, नो-महीने पहले युवा जोश अखिलेश यादव के द्वारा मुख्यमंत्री रहते हुए लखनऊ मेट्रो का आनन-फानन में उद्घाटन कर जनता से वाहवाही बटोरने और लखनऊ में मेट्रो चलाने का श्रेय लेने की महीनों होड़ मची रही
लेकिन यह क्या गजब हुआ लखनऊ-मेट्रो जो चार-दिन पहले ही जनता के उपयोग के लिए ग्रह-मंत्री राजनाथ और मुख्यमंत्री योगी ने सामूहिक तौर से राजधानी लखनऊ में संचालन किया, दो-तीन दिन मेट्रो-ट्रेक पर ही फंसी रह गयीं, व्यवसायिक संचालन के पहले दिन से लखनऊ-मेट्रो में नई-नई बड़ी-गड़बड़ियां सामने आ रही हैं और लखनऊ-मेट्रो की सवारी करने वाले परेशान और हलकान हो जा रहे है, लखनऊ-मेट्रो में उत्तर प्रदेश सरकार की किरकिरी होने के बाद मिल रही रिपोर्टों दावों से भी साफ़ हो रहा है कि लखनऊ मेट्रो-रेल परियोजना में आर्थिक-धांधली बड़े पैमाने पर की गई है…..
फ़िलहाल बता दिया जाये, लखनऊ मेट्रो के प्रबंध-निदेशक कुमार केशव पर पूर्व में दिल्ली मेट्रो के एयरपोर्ट लिंक रूट के सिविल वर्क में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था इस कारण से लखनऊ मेट्रो में भी भ्रष्टाचार करने की आशंका विद्यमान है इसीलिये यूपी के राज्यपाल, सीएम और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर लखनऊ मेट्रो निर्माण और खरीद की सीबीआई जांच की मांग आरटीआई एक्टिविस्ट ने उठाई है, भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने साल २०१४-अगस्त में ही यूपी के मुख्य-सचिव को पत्र लिखकर बता दिया था कि जांच समिति ने दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के निदेशक प्रोजेक्ट्स कुमार केशव को मेट्रो सिविल वर्क में गड़बड़ियां करने का दोषी करार दिया था और केशव को लखनऊ मेट्रो का कार्य देने के संबंध में सही निर्णय लेने के लिए आगाह करने के बाबजूद तत्कालीन अखिलेश सरकार ने दागी केशव को लखनऊ मेट्रो का एमडी क्यों बनाया, लखनऊ के आरटीआई एक्टिविस्ट ने सवाल उठाया है,
मेट्रो में गड़बड़ियों की मीडिया रिपोर्टों के बीच मेट्रो प्रबंधन सीधे-संवाद सफाई देने से बचता फिर रहा है एक प्रेस बयान जारी कर कहा है लखनऊ के लोगों में मेट्रो के प्रति अत्यधिक-आकर्षण है और तकनीकी कठिनाइयों को दूर किया जा रहा है वैसे भी लखनऊ मेट्रो ने यात्रियों की सुविधा के लिए ‘स्टेट आॅफ दि आर्ट’ आॅटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम लागू किया और लखनऊ-मेट्रो देश के अन्य मेट्रो सिस्टम से काफी अलग है.