Friday, March 29, 2024
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योगी सरकार : मेडिकल कॉलेजों में सुधार के लिये गठित की पांच कमेटियां..

SI News Today

लखनऊ। गोरखपुर के बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चों की मौत होने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सुधार लाने के लिए कमर कस ली है। बीआरडी मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति की संस्तुति पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने इसके लिए अलग-अलग पांच समितियां गठित करने के निर्देश दिए हैैं। यह समितियां तय समय में रिपोर्ट देंगी और मेडिकल कॉलेजों को सुधार की राह दिखाएंगी।

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ डॉक्टरों और शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए जहां मेडिकल कॉलेजों में ही कैंपस इंटरव्यू के जरिए पीजी डॉक्टरों को भर्ती करने की तैयारी है, वहीं मेडिकल के स्नातक व पीजी विद्यार्थियों से निर्धारित अवधि के लिए अनिवार्य शासकीय सेवा का बॉन्ड भराने की भी योजना है। मेडिकल कॉलेजों में सभी इंतजाम दुरुस्त रखने के लिए चिकित्सा प्रबंध का प्रशासनिक कैडर सृजित करने की योजना बनाई जा रही है। बच्चों के इलाज के लिए स्टैैंडर्ड ऑपरेशन प्रोटोकॉल और चेक लिस्ट की व्यवस्था लागू की जाएगी और प्रोटोकॉल के मुताबिक बच्चों की मौत पर डेथ ऑडिट भी कराया जाएगा।

यह हैं समितियां
1- पीजी कैंपस इंटरव्यू व वेतनमान के लिए केजीएमयू के बायोकेमिस्ट्री विभागाध्यक्ष डॉ.अब्बास अली मेहंदी की अध्यक्षता में समिति गठित कर 10 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी गई है।

2- सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने वाले स्नातक व स्नातकोत्तर विद्यार्थियों से अनिवार्य शासकीय सेवा का बॉन्ड भराने के लिए चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.केके गुप्ता की अध्यक्षता में समिति गठित कर 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी गई है।

3- चिकित्सा प्रबंध का प्रशासनिक कैडर सृजित करने के लिए पीजीआइ के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.हेमचंद्र की अध्यक्षता में समिति गठित कर 15 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगी गई है।

4- एसएनसीयू, एनआइसीयू व पीआइसीयू में स्टैैंडर्ड ऑपरेशन प्रोटोकॉल व चेक लिस्ट की व्यवस्था लागू करने के लिए केजीएमयू की बाल रोग चिकित्सक डॉ.माला कुमार की अध्यक्षता में गठित समिति से 31 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी गई है।

5- मृत बच्चों के डेथ ऑडिट के लिए केजीएमयू के फोरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ.एके वर्मा की अध्यक्षता में गठित समिति से भी 31 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी गई है।

डीजी की टीम ने चलाया अभियान
गोरखपुर व बस्ती मंडल में इंसेफ्लाइटिस से प्रभावित जिलों में चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.केके गुप्ता की टीम ने दो दिन तक अभियान चलाकर बीमारी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया। करीब 50 सदस्यीय टीम में केजीएमयू, डब्ल्यूएचओ व यूनीसेफ के अधिकारियों के साथ मेडिकल विद्यार्थी भी शामिल थे। डॉ.गुप्ता ने बताया कि इस दौरान लोगों को बताया गया कि बुखार आने पर क्या करें, कहां जाएं और किससे मिलें। इस दौरान गोरखपुर में सेमिनार भी आयोजित किया गया।

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