गुड़गांव के रेयान स्कूल में प्रद्युम्न की हत्या के बाद स्कूलों में सुरक्षा को लेकर बहस शुरु हो गई है। अधिकांश प्राइवेट स्कूलों ने सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा लगा रखे हैं लेकिन राजधानी के ला-मार्टिनियर कॉलेज में अब तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं।
जबकि स्कूल में दो साल पहले कक्षा 9 के छात्र राहुल श्रीधर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। राहुल की मौत की गुत्थी अब तक नहीं सुलझी है।
ला-मार्टिनियर कॉलेज प्रबंधन को परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है, जबकि अभिभावक लंबे समय से कैमरा लगवाने की मांग कर रहे हैं। इस समय पूरे देश में स्कूलों में सुरक्षा को लेकर बहस छिड़ी हुई है। वर्तमान में सीसीटीवी कैमरा कितना कारगर है यह किसी से छिपा नहीं है। आजकल स्कूल से लेकर सरकारी एवं प्राइवेट संस्थानों में भी कैमरे लगे हुए हैं। इससे सभी गतिविधियों पर आसानी से नजर रखी जा सकती है। ऐसे में ला-मार्टिनियर जैसे प्रतिष्ठिïत स्कूल में कैमरे न लगना चिंता का विषय है। गौरतलब है कि 10 अप्रैल 2015 को राहुल श्रीधर की मौत हुई थी। कॉलेज प्रशासन राहुल की मौत का कारण आत्महत्या बता रहा था जबकि उसके परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी। इस मामले की गुत्थी आज तक नहीं सुलझी है। सबसे बड़ी बात यह है कि कॉलेज प्रशासन ने 100 फीट ऊंची बिल्डिंग से कूदकर राहुल के आत्महत्या करने की बात कही थी, लेकिन परिजनों के मुताबिक घर में ऐसी कोई भी परिस्थिति नहीं थी, जिसकी वजह से राहुल आत्महत्या जैसा कदम उठाता। यहां तक कि उसके दोस्तों ने भी बातचीत में राहुल की तरफ से कभी किसी भी तरह की मानसिक परेशानी का जिक्र नहीं करने की बात कही है। इसलिए परिजन मामले को लेकर कोर्ट चले गये, जहां कोर्ट ने पूरे तथ्यों को जानने के बाद पुलिस को तत्काल मामले की छानबीन पूरी कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था लेकिन अब तक पुलिस की तरफ से फाइनल रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है।
ऐसे में यदि ला-मार्टिनियर कॉलेज में कैमरा लगा होता तो निश्चित तौर पर पुलिस और राहुल के अभिभावकों को घटना से जुड़े पुख्ता सबूत मिलते। इतना ही नहीं राहुल के मौत की गुत्थी सुलझाने में भी काफी सहयोग मिल सकता था लेकिन कॉलेज प्रबंधन की परिसर में सीसीटीवी नहीं लगाने की जिद सरकार के आदेश की नाफरमानी होने के साथ ही बच्चों के प्रति लापरवाही की भावना को भी प्रदर्शित करती है।