Friday, March 29, 2024
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यूपी: निकाह के 3 महीने बाद पति ने नव विवाहिता को 3 बार तलाक बोल घर से निकाला…

SI News Today

शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में एक पिता ने 3 महीने पहले धूम-धाम से बेटी का निकाह किया। दुल्हन ने उर्दू में पति के नाम की मेहंदी भी लगाई। ससुराल पहुंचते ही उसे कम दहेज मिलने के ताने मिलने लगे। कमरे में आते ही बाइक की मांग की। पीड़िता के मुताबिक, ”मना करने पर सास, नन्द और देवर ने बेदर्दी से पीटा। 6 दिन पहले पति ने जान से मारने की कोशिश की, मैंने पुलिस की धमकी दी तो 3 बार तलाक बोल घर से निकाल दिया। आगे पढ़िए पूरा मामला…

– मामला थाना सिंधौली के कोरोकुईयां गांव का है। यहां के रहने वाले खालिद पुत्र ताहिर से ग्राम गोरारायपुर निवासी इश्तियाक ने 3 महीने पहले बेटी हिना(20) का निकाह किया।

– पीड़ित महिला ने बताया, ”पिता ने हैसियत के मुताबिक निकाह में दहेज दिया, बस कलर टीवी और बाइक नहीं दे सके थे।”

– ”विदाई के बाद जब मैं ससुराल पहुंची तो पहली रात से ही कम दहेज मिलने के ताने मिलने लगे। कमरे में आते ही पति ने बाइक की मांग की।”

– ”मना करने पर उसने बेदर्दी से पीटा। दिन बीतते गए और सास, नन्द और देवर भी पीटने लगे।”

– ”कई बार पति को समझाया कि पिता मजदूरी करते हैं, बाइक नहीं दे सकते हैं। इसपर उन्होंने मेरा मायके जान भी बंद करा दिया।”

6 दिन पहले तलाक बोल- घर ने निकाला
– पीड़िता के मुताबिक, 16 सितंबर को पहले एक बार फिर पति ने बाइक की डिमांड की। मना करने पर कमरे में बंद कर सास नन्द और देवर के साथ मिलकर पति ने पीटा।

– ”मैं चीखती रही, लेकिन किसी को तरस नहीं आया। पति जहर देकर जान से मारने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो कामयाब नहीं हो सका।”

– ”जब मैंने पुलिस की धमकी दी तो पति ने गुस्से में आकर तीन बार तलाक बोलकर घर से निकाल दिया।”

– इसके बाद पीड़िता अपने पिता के घर भाग आई। परिजनों के साथ आरोपी पति, सास, नन्द और देवर के खिलाफ दहेज एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया।

क्या कहना है पुलिस का ?
– एसपी ग्रामिण सुभाष चंद्र शाक्य का कहना है, ”सिंधौली थाने मे दहेज एक्ट के तहत महिला ने पति समेत ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।”

तीन तलाक असंवैधानिक
– बता दें, 22 अगस्त 2017 को तीन तलाक पर 18 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। एक हजार साल पुरानी इस प्रथा पर 5 जजों की बेंच ने 3:2 की मेजॉरिटी से फैसला दिया।

– इसमें कहा गया कि तीन तलाक वॉइड (शून्य), अनकॉन्स्टिट्यूशनल (असंवैधानिक) और इलीगल (गैरकानूनी) है।

– बेंच में शामिल दो जजों ने तीन तलाक पर 6 महीने की रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक कुरान के मूल सिद्धांतों का हिस्सा नहीं है और सरकार से इस पर कानून बनाने को कहा।

– 3 जजों, जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस आरएफ नरीमन ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया।

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