कांग्रेस राज्यसभा में सदस्यों की संख्या कम होने के कारण उस महत्वपूर्ण संसदीय समिति की अध्यक्षता गवां सकती है जो राजनीतिक वित्त पोषण पर एक रिपोर्ट तैयार कर रही है। राज्यसभा सचिवालय में सूत्रों के अनुसार, कार्मिक, कानून एवं न्याय पर स्थायी समिति की अध्यक्षता करने वाले कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा का स्थान भाजपा के भूपेंद्र यादव ले सकते हैं। राज्यसभा की आठ स्थायी समितियों में से कांग्रेस तीन समितियों की अध्यक्षता कर रही है जिसमें घरेलू मामले, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा तीसरी कार्मिक, जन शिकायत, कानून एवं न्याय पर समिति शामिल है।
ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा के शीर्ष नेताओं ने कांग्रेस नेताओं को बता दिया है कि चूंकि राज्यसभा में विपक्षी पार्टी के सदस्यों की संख्या 57 तक रह गई है जो कि सत्तारूढ़ पार्टी के बराबर है तो वह ऊपरी सदन में तीन समितियों की अध्यक्षता नहीं कर सकती। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर यह कदम उठाया जा रहा है। संसदीय लोकतंत्र की शुचिता को दांव पर लगाने की बात कहते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि एक राजनीतिक दल के इरादे स्थापित लोकतांत्रिक संसदीय प्रक्रिया पर अपनी श्रेष्ठता साबित करने के प्रतीत होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस पर कांग्रेस आपत्ति जता रही है और हमें इससे लड़ना होगा।’’ कांग्रेस के अलावा भाजपा दो समितियों की अध्यक्षता कर रही है जबकि सपा, जदयू और तृणमूल कांग्रेस एक-एक समिति की अध्यक्षता कर रही है।