लखनऊ: राजधानी स्थित लक्ष्मण मेला मैदान पर पिछले 14 दिनों से ग्राम रोजगार सेवक अपनी मांगों को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे थे। सोमवार को प्रदर्शनकारी विधानसभा का घेराव करने निकले। तभी पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पलटवार करते हुए प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। लाठीचार्ज में एक दर्जन से ज्यादा लोगो को चोट आई। प्रदर्शनकारियों की मांग है, ”उन्हें नियमित कर राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।” आगे पढ़िए पूरा मामला…
– प्रदर्शनकारियों का कहना है,”अपनी मांगों को लेकर वो कई बार भूख हड़ताल, प्रदर्शन, विधान भवन का घेराव, अर्धनग्न प्रदर्शन तक कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी।”
– ”इसी वजह से प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हजारों की संख्या में ग्राम रोजगार सोमवार दोपहर विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोका तो उन्हें उग्र होना पड़ा।”
9 सूत्रीय मांग को लेकर किया धरना
– ग्राम रोजगार सेवक संघर्ष समिति यूपी के प्रांतीय संचालन देवेंद्र प्रताप शाही ने कहा, ”प्रदेश के 38 हजार ग्राम सेवकों को समूह-ग के राज्य कर्मचारियों की तरह वेतनमान, जॉब चार्ट में मनरेगा के अतिरिक्त अन्य कार्य जोड़ने, मानव संसाधन व अन्य सुविधाओं की पूर्ति हेतु सेवा नियमावली बनाने, लंबित बकाया मानदेय भुगतान कराने समेत 9 मांगे जब तक नहीं मानी जाएंगी हमारा धरना चालू रहेगा।”
– ”12 सितंबर से प्रदेश भर के ग्राम रोजगार सेवक लक्ष्मण मेला मैदान में अपने हक की लड़ाई का बिगुल बजा चुके हैं। इसी के तहत क्रमिक अनशन भी शुरू हो गया है।”
– ”सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए बीजेपी सांसद कौशल किशोर के आवास का घेराव किया गया था, लेकिन कोई बात नहीं बन सकी।”
– फिलहाल उन्हें आश्वाशन मिला है, लेकिन उनकी मांग थी कि वो लोग सीएम से मिलकर अपनी परेशानियां बताना चाहते हैं।
– इस दौरान ग्राम रोजगार सेवक समिति के कर्मचारी पदाधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा- प्रशासन लाठीचार्ज करके हमारे साहस को नहीं डिगा सकता हैं।