Friday, March 29, 2024
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झूठा निकला पाकिस्तान का दावा, नहीं हुई थी ये बात…

SI News Today

अफगानिस्तान के एनएसए द्वारा एक आतंकवादी को रिहा करने के बदले भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को छोड़ने की पेशकश संबंधी पाकिस्तान के दावे को खारिज करने का जिक्र करते हुए भारत ने आज कहा कि यह इस्लामाबाद के काल्पनिक झूठ की फेहरिस्त में एक और झूठ है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा था कि उन्हें एक एनएसए के साथ मुलाकात में अफगानिस्तान की जेल में बंद एक आतंकवादी के बदले जाधव को सौंपने का प्रस्ताव मिला था जिसके बाद यह प्रतिक्रिया आई। हालांकि ख्वाजा ने एनएसए की पहचान उजागर नहीं की और ना ही उस आतंकवादी का नाम बताया जिसे छोड़ने की बात आई है।

आसिफ के दावे का विरोध करते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोहम्मद हनीफ अतमार के कार्यालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि न्यूयार्क में 21 सितंबर को पाकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ उनकी मुलाकात के दौरान भारत या किसी भारतीय नागरिक का कोई उल्लेख या संदर्भ नहीं आया था। आसिफ ने 26 सितंबर को न्यूयॉर्क में एशिया सोसायटी में एक कार्यक्रम में कहा था कि पाकिस्तान को एक आतंकवादी के बदले जाधव को छोड़ने का प्रस्ताव मिला था। इस आतंकवादी ने 2014 में पेशावर के स्कूल पर हमला किया था और अब अफगानिस्तान की जेल में बंद है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पुरजोर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अफगान एनएसए के बयान से लगता है कि आसिफ का बयान पाकिस्तानी संस्थाओं द्वारा बोले गये काल्पनिक झूठों की लंबी फेहरिस्त में शामिल एक और झूठ है। अतमार के दफ्तर से जारी बयान में कहा गया कि बैठक में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग समेत अनेक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की थी।

बता दें कि कुलभूषण जाधव को अप्रैल में पाकिस्तान फील्ड जनरल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। 46 वर्षीय पूर्व भारतीय नेवी अधिकारी कुलभूषण पर पाकिस्तानी की जासूसी और तोड़फोड़ वाली गतिविधियों में होने के आरोप हैं। वहीं भारत ने उसके इन दावों को खारिज करते हुए साफ किया था कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान जाधव को वकील मुहैया करने की सुविधा न देकर वियना कन्वेंशन का उल्लंघन कर रहा है। 18 मई को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस की 10 जजो की बेंच ने जाधव केस में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान से जाधव की मौत की सजा पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे।

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