Wednesday, April 17, 2024
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स्कूल-गांव की चिंता छोडि़ए, गौ-सेवा से बचेगा टैक्स

SI News Today

Source :Viwe Source

अलोक पाण्ड़ेय -टैक्स बचाने के लिए अब गौ-सेवा कीजिए। सीएसआर यानी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत स्कूल और गांव को गोद लेकर संवारने के बजाय गौशालाओं को बनाएं और गायों के लिए भूसे-चारे का इंतजाम किए जाएं। टैक्स बचाने के इस नये फंडे पर अमल करने के लिए बड़े बिजनेस घरानों और व्यापारिक फर्म को समझाने का जिम्मा कमिश्नर और जिलाधिकारियों को सौंपा गया है। इसके साथ ही प्रदेश के सभी सांसदों-विधाकों से आग्रह है कि वह क्षेत्रीय विकास निधि से इलाके की गौशालाओं को विकसित करने में मदद करें। गाय और गौशालाओं के लिए यह आदेश-आग्रह योगी सरकार ने जारी किया है।

टैक्स राहत योजना में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा

गायों की सेवा-देखभाल को सीएसआर के तहत जोडऩे का यह सुझाव झांसी मंडल के कमिश्नर अमित गुप्ता ने दिया है। बीते पखवारे गौ-सेवा आयोग की बैठक के दौरान झांसी के मंडलायुक्त ने बुंदेलखंड की अन्ना प्रथा (मवेशियों को छुट्टा छोडऩे की प्रथा) से फसलों की बर्बादी का जिक्र करते हुए बताया था कि इलाके की कई बड़ी कंपनियों को सीएसआर के तहत गौशालाओं में चारे की व्यवस्था करने के लिए रजामंद किया है। इस सुझाव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पसंद किया। इसके बाद प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को सुझाव भेजा है कि सीएसआर के तहत गौशालाओं के निर्माण और गायों के संरक्षण के लिए आर्थिक मदद को टैक्स राहत योजना में शामिल किया जाना चाहिए। बहरहाल, केंद्र की रजामंदी से पहले ही योगी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निर्देश दिया है कि अपने-अपने कार्यक्षेत्र की कंपनियों और बिजनेस घरानों को सीएसआर के तहत गौशालाओं के विकास और गौ-संरक्षण के लिए राजी किया जाए।

प्रत्येक जिले में गौवंश वन्य विहार, शुरुआत बुंदेलखंड से

प्रदेश सरकार ने गौ-सेवा आयोग के साथ पशुधन विभाग, वन विभाग, कृषि और बागवानी विभाग, पंचायती राज विभाग, सिंचाई विभाग, शहरी विकास और ग्रामीण विकास विभाग की संयुक्त बैठक में तय किया कि प्रत्येक जिले में वन विभाग की बंजर जमीन पर कम से कम एक हजार गायों के लिए गौवंश वन्य विहार के नाम से गौशालाओं का निर्माण किया जाएगा। इस योजना की शुुरआत अन्ना प्रथा से परेशान बुंदेलखंड के सातों जिले से एक साथ होगी। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों से स्थानीय निकाय और जिलाधिकारी के साथ मिलकर गौ-संरक्षण के लिए काम करने को कहा है, ताकि पर्याप्त मात्रा में गौशालाओं के बावजूद भूख और कुपोषण से किसी गाय की मौत नहीं होने पाए।

गऊ प्रेमियों को मिलेगी जिम्मेदारी, गौसेवा आयोग से मदद भी

गायों के संरक्षण की कोशिश के तहत योगी सरकार ने बिजनेस घरानों और गौशालाओं से आग्रह किया है कि पंचगव्य यानी गाय के दूध, मूत्र, गोबर, दही और घी से उत्पाद बनाए जाएं, ताकि गौशालाओं को आर्थिक मोर्चे पर मजबूती मिले। इसी क्रम में सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली गौ संरक्षण समिति बनाई जाएगी। इस समिति में स्थानीय गो-सेवकों को शामिल किया जाएगा। समिति के सदस्य पंचगव्य उत्पादों के निर्माण और बिक्री को बढ़ावा देंगे। इसी के साथ सरकार ने प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों से गौशालाओं के निर्माण और जन-सहयोग से उन्हें संचालित करने के लिए कहा है। अलबत्ता यह भी तय किया गया है कि यदि किसी निगम को गौशालाओं के संचालन के लिए पर्याप्त आर्थिक सहयोग नहीं मिला तो गौसेवा आयोग से प्रतिदिन के हिसाब से प्रत्येक गाय के लिए तीस रुपए की मदद मिलेगी।

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