दिलीप कुमार बॉलीवुड के ट्रैजेडी किंग हैं। वह एक्टिंग से लेकर डांस तक में छाए। फिल्मों में अच्छे-अच्छों का पसीना छुड़ाते रहे। लेकिन एक बार सेट पर उन्हीं के पसीने छूट गए थे। तब उन्हें गोल-गोल चक्कर, जो लगाने पड़े थे। किस्सा साल 1961 के इर्द-गिर्द का है। दिलीप साहब उन दिनों शूटिंग में व्यस्त थे। फिल्म गंगा-जमुना की। क्लाइमैक्स शूट किया जाना था। लोकेशन महबूब स्टूडियो थी। सीन में उनकी मौत दिखाई जाती है। उन्हें इसके लिए घबराते, हांफते और तेज़ सांसें लेते हुए सींस देने होते हैं।
सीन शूट होता, उससे पहले उन्होंने कैमरामेन से बात की। उसे सेट से कुछ कदम पीछे ही रखने के लिए बोला। दिलीप साहब चाहते थे कि शॉट में उनके एक्सप्रेशंस अच्छे से आएं। सीन फिल्माया जा रहा था। तभी अचानक वह अचानक उठते हैं और महबूब स्टूडियो का चक्कर लगाने लगते हैं। वह तब तक चक्कर लगाते रहे जब तक उनका सिर चकराने की स्थिति में नहीं आया। वह फिर दौड़ते हुए आए और कैमरामैन को इशारा कर सीन शूट करवाने को कहा।
यह सीन अच्छा शूट हुआ, मगर एक कमी रह गई थी। कैमरामैन से शुरू के कुछ एक्सप्रेशंस छूट गए थे। दिलीप साहब से उन्होंने दोबारा टेक देने के लिए दरख्वास्त की। वह यह जानकर काफी देर तक शांत रहे। कैमरामैन को लगा कि दिलीप नाराज हो गए, मगर ऐसा नहीं था। वह दोबारा बाहर गए सेट के गोल-गोल चक्कर काट कर आए। अब वह बुरी तरह से हांफ रहे थे, जिसके बाद उन्होंने सीन फिर से शूट कराया था।