Friday, April 19, 2024
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गर्म पानी से नहाते समय,ये 123 रोग आएंगे,जानिए वैज्ञानिक कारण…

SI News Today

जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि आयुर्वेद में बहुत ही स्पष्ट लिखा गया है कि गर्म पानी से कभी स्नान नहीं करना चाहिए. नहाने के लिए हमेशा ठन्डे पानी का इस्तेमाल करें. क्योकि ठन्डे पानी का तापमान समान्य रहता है जिससे शरीर को किसी प्रकार की कोई हानि नही पहुँचती. मान लीजिये कि आपको तेज़ बुखार है और आप नहाने के लिए असमर्थ है, ईसी स्थिति में आप गर्म पानी का इस्तेमाल कर सकते है.

गर्म पानी वेसे तो बेहद फायदेमंद है लेकिन अगर वह केवल पीने के लिए उपयोग किया जाये. लेकिन अगर आपका शरीर एकदम स्वस्थ है तो कभी भी गर्म पानी से न नहाये, वरना आपको कई तरह की बीमारियाँ घेर सकती है. आयुर्वेद में पक्के तौर पर एक सूत्र लिखा गया है कि अगर आप सिर के उपर गरम पानी डालते है तो, आपको 123 प्रकार की खतरनाक बीमारियाँ जकड सकती हैं. ये रोग मानसिक भी हो सकते है और शारीरिक भी.

बहुत सारे भारतीयों को सर्दियों में गरम पानी से नहाने की अदात है खास कर “महाराष्ट्र” के लोग सर्दी में गर्म पानी के बिना नही नहा सकते. अगर आपको भी गरम पानी से नहाने की लत लग चुकी है तो, घबराईये मत आपको डरने की जरूरत नही है बल्कि एक साधारन से उपाए से आप बीमारियों को दूर रख सकते है. और वो उपाए है कि जब भी आप गर्म पानी से नहाये तो, पानी को बेशक सारे अंगो पर डाल लीजिये परन्तु कभी भी सिर पर मत डालिए. क्योकि सिर और आंख में कफ होने के आसार ज्यादा है, इसलिए इन दोनों अंगों पर गरम पानी मत रहने दें.

आँखों और सिर के लिए ठंडा पानी बेहद लाभदाय सिद्ध हो सकता है. इसलिए कोशिश करें कि अप जब भी मुह धोएं तो ठन्डे पानी से ही धोये. हो सके तो सर्दियो में भी गरम पानी की जगह हल्का गुनगुना पानी इस्तेमाल करें. बहुत सारे लोग ऐसा सोचते है कि सर्दी में ठन्डे पानी से नहाने से आपको सर्दी लग जाएगी. जबकि ऐसा कुछ भी नही है. सर्दी का ठन्डे पानी से दूर दूर तक कोई भी लेना-देना नही है. सर्दी उन्ही लोगो को होती है, जिनका पेट साफ़ नही रहता. अगर आपको मसल्स पैन है यानि हड्डियो में या मस्पेशियो में दर्द है तो, आप ठन्डे पानी के बाद गरम पानी डाले. जैसे एक बार शरीर पर ठंडा पानी डालिए, फिर गर्म डालिए, इससे आपके दर्द को काफ़ी राहत मिलेगी. अधिक जानकारी के लिए नीचे विडियो दिया गया है.

उच्चरक्तदाब (हाई ब्लड प्रेशर), अर्श (बवासीर), ज्वर (बुखार), लू लगना (गर्मी लगना), सूजाक (गिनोरिया), पेशाब के रोग, रक्तपित्त, दिल की धड़कन, कब्ज, पेट में जलन आदि रोगों में अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। क्षय (टी.बी.), अपच, आंखों के रोग, पुराना बुखार, कोढ़ और मधुमेह के विकारो में पानी बार-बार परंतु थोड़ा-थोड़ा पीना चाहिए। मधुमेह (डायबिटीज), और बहुमूत्र (बार-बार पेशाब आना) के रोग में पानी की अपेक्षा दूध अधिक पीना चाहिए। मोटापा घटाना, गैस, कोलायटिस, अमीबाइसिस, कृमि (कीड़े), पसली का दर्द, जुकाम, बादी के रोग, गले के रोग, कब्ज, नया बुखार, संग्रहणी (अधिक दस्त का आना), श्वास (दमा), खांसी, हिचकी, चिकनी चीजे या खाना खाने के बाद 1 गिलास गर्म-गर्म पानी जितना गर्म पिया जा सके लगातार पीते रहने से ठीक हो जाते हैं। गर्म पानी में आधा नींबू का रस निचोड़ दिया जाए तो समय पर भूख भी अच्छी लगती है तथा पेट में गैस और सड़न भी नहीं होती। सर्दी के मौसम में प्रात: समय में गर्म पानी पीने से जुकाम, खांसी नहीं होती है।

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