Thursday, March 28, 2024
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विनोद खन्ना के बारे में आप शायद ही जानते होंगे ये बातें, जानिए…

SI News Today

नई दिल्ली: वक्त गुजर जाता है, लेकिन यादें हमेशा ही ताजा रहती हैं. बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओं में से एक विनोद खन्ना भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनसे जुड़ी कई सारी बातें हमारे दिलों में आज भी ताजा हैं. विनोद खन्ना की इसी साल अप्रैल में मृत्यु हो गई थी, वह कैंसर से पीड़ित थे. बता दें, आज ही के दिन (6 अक्टूबर) विनोद खन्ना का जन्म 1946 को पेशावर (पाकिस्तान) में हुआ.

सुनील दत्त ने विनोद खन्ना को साल 1968 में ‘मन का मीत’ में विलेन के रूप में लॉन्च किया था. हीरो के रूप में स्थापित होने के पहले विनोद ने ‘आन मिलो सजना’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘सच्चा झूठा’ जैसी फिल्मों में सहायक या खलनायक के रूप में काम किया. 1971 में गुलजार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मेरे अपने’ से विनोद खन्ना का अच्छा वक्त शुरू हुआ.

विनोद को कभी भी मल्टीस्टारर फिल्मों से परहेज नहीं रहा और वह उस दौर के स्टार्स अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, सुनील दत्त आदि के साथ फिल्में करते रहे. अमिताभ और विनोद खन्ना की जोड़ी को दर्शकों ने काफी पसंद किया और यही वजह रही कि फिल्म ‘हेराफेरी’, ‘खून पसीना’, ‘अमर अकबर एंथोनी’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ ब्लॉकबस्टर साबित हुई.

बॉलीवुड में सफलता मिलने के बाद विनोद खन्ना 1982 में अचानक अपने आध्यात्मिक गुरु रजनीश (ओशो) की शरण में चले गए और ग्लैमर की दुनिया को उन्होंने अलविदा कह दिया. विनोद खन्ना को भगवा चोले में देखकर खुद उनके परिवार वालों को सदमा पहुंचा था. लोगों ने कई तरह के कयास लगाए. कुछ लोग हंस रहे थे. कुछ हैरान थे. कुछ लोग पागल समझने लगे थे. कुछ ने ये भी कहा कि यह एक नाटक है.

विनोद के अचानक इस तरह से चले जाने के कारण उनकी पत्नी गीतांजली नाराज हुई और दोनों के बीच तलाक हो गया. विनोद और गीतांजली के दो बेटे अक्षय और राहुल खन्ना हैं. गीतांजली से तालाक के बाद साल 1990 में विनोद ने कविता से शादी की. कविता और विनोद का एक बेटा साक्षी और बेटी श्रद्धा हैं. फिल्मों के प्रति प्यार विनोद को फिर फिल्मों में खींच लाया और 1987 में उन्होंने ‘इंसाफ’ फिल्म से वापसी की. चार-पांच साल तक नायक बनने के बाद विनोद धीरे-धीरे चरित्र भूमिकाओं की ओर मुड़ गए.

विनोद खन्ना अभिनेता होने के अलावा, निर्माता और सक्रिय राजनेता भी रहें. वह भाजपा के सदस्य थे और कई चुनाव जीत चुके थे. वह मंत्री भी रहे. 2015 में शाहरुख खान की फिल्म ‘दिलवाले’ में नजर आने के बाद उन्होंने इसी साल अप्रैल में रिलीज हुई फिल्म ‘एक थी रानी ऐसी भी’ में भी अभिनय किया था. यह उनकी आखिरी फिल्म थी.

विनोद खन्ना अपनी फिल्मों और निजी जिंदगी को लेकर अक्सर सुर्खियों में बने रहते थे. लेकिन उनकी साफ-सुथरी छवि को भी एक-दो बार कंट्रोवर्सी से होकर गुजरना पड़ा. बॉलीवुड की धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित और डिंपल कपाड़िया के साथ उनकी कंट्रोवर्सी ने फिल्मी गलियारों में खूब सुर्खियां बटोरीं.

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