गूगल आज यानि 10 अक्टूबर को फ्रिटजॉफ नानसेन का 156वां जन्मदिवस मना रहा है। नानसेन को श्रृद्धांजलि देने के लिए गूगल ने नानसेन का डूडल बनाया है जिसमें उनकी क्रियाएं और खोज का वर्णन किया गया है। नानसेन ने नॉर्वेगियन ध्रुवीय इलाके की खोज की थी और उन्हें शरणार्थियों का पहला हाई कमीश्नर बनाया गया था जो कि नानसेन पासपोर्ट के साथ देश में आए थे। इसके बाद शरणार्थियों की मदद करने वाले नानसेन पहले महान मानवतावादी व्यक्ति बन गए थे। शरणार्थियों के लिए बेहतरीन कार्य करने के लिए नानसेन को 1922 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था। इतना ही नहीं शरणार्थियों के लिए कार्य करने के लिए नानसेन के अंतरराष्ट्रीय कार्यालय को भी 1938 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। साल 2000 में नोर्वे के लोगों द्वारा नानसेन को ‘नॉर्वेगियन ऑफ द मिलेनियम’ के तौर पर चुना गया था।
खोजकर्ता होने के अलावा नानसेन एक वैज्ञानिक, राजनयिक और एक राजनैतिक कार्यकर्ता थे। नानसेन का जन्म 1861 में हुआ था। नानसेन एक समृद्ध अधिवक्ता होने के साथ-साथ अच्छे एथलीट भी थे। नानसेन की मां ने उन्हें प्रोत्साहित किया था कि वे एथलीट बने और अपने शारीरिक कौशल का विकास करें। नानसेन ने अपनी मां की बात मानी और वे बहुत ही जल्द शारीरिक गतिविधियों के एक्सपर्ट बन गए जिनमें स्कैटिंग, टम्बलिंग, स्वीमिंग और स्कींग जैसे खेल शामिल थे।
स्कूल के दिनों में उनकी विज्ञान और कला में रुचि रही थी और विश्वविद्यालय में आने के बाद उन्होंने फैसला किया कि वे जूलॉजी में कुछ बड़ा करेंगे। नानसेन ग्रीनलैंड के बर्फ से ढके इंटीरयर के पार एक अभियान का नेतृत्व करने वाले पहले व्यक्ति थे। इसकी खोज उन्होंने ही की थी। इस पर उन्होंने एक किताब भी लिखी थी जिसका नाम “द फर्सट कॉसिंग ऑफ ग्रीनलैंड” था।