Friday, April 19, 2024
featuredलखनऊ

राजधानी लखनऊ में बुलेट की मांग पूरी न होने पर छात्र ने दे दी जान…

SI News Today

लखनऊ: शौक का पागलपन उसके दिमाग पर इस कदर हावी हुआ कि वह मां की ममता और पिता के प्यार को भी भुला बैठा। सामने छोटी बहन बिलखती रही, मगर केवल बुलेट मोटरसाइकिल की जिद के चलते विकास नगर के छात्र प्रत्युष कश्यप (18) ने खुद को फांसी के फंदे से लटका लिया। नतीजतन कुछ क्षणों में ही उसके प्राण पखेरू उड़ गए। वह एक निजी मैनेजमेंट कॉलेज से बायोटेक्नोलॉजी प्रथम वर्ष का छात्र था।

बंथरा के बनी में रहने वाले राम सहारे कश्यप किसान हैं। उनका इकलौता बेटा प्रत्युष एक निजी मैनेजमेंट कॉलेज से बीटेक प्रथम वर्ष का छात्र था। वह विकास नगर सेक्टर तीन में रहने वाली अपनी चाची रामपति के घर पर रहकर पढ़ाई कर रहा था। थाना प्रभारी के मुताबिक सोमवार सुबह कमरे में साड़ी के सहारे पंखे से प्रत्युष को लटका देख उसकी बहन मोनिका की चीख निकल पड़ी। चीख सुनकर दौड़े परिवारीजनों ने आनन-फानन फंदे से उसे उतारा और क्षेत्र स्थित अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। राम सहारे ने बताया कि बेटा कई महीने से बुलेट मोटरसाइकिल खरीदने के जिद कर रहा था। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसकी जिद पूरी नहीं कर पा रहे थे। वह बुलेट से ही कॉलेज जाने की जिद करता था। वह आत्महत्या की भी धमकी देता था। हर बार उसे समझाकर शांत करा देते थे, पर यह नहीं पता था कि बेटा वाकई खुदकशी कर लेगा। नहीं तो किसी भी तरह उसकी जिद पूरी करने की कोशिश करता।

बहन के आंसू देखकर भी नहीं पसीजा दिल : प्रत्युष की बहन मोनिका ने बताया कि सोमवार सुबह भाई बुलेट की जिद पर अड़ा था। उसने कहा कि अगर आज बुलेट नहीं मिली तो वह आत्महत्या कर लेगा। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसे काफी समझाया गया। इसके बाद भी वह नहीं माना, तो मोनिका के आंसू निकल आए और वह रोती हुई बाहर के कमरे में चली गई, तभी प्रत्युष ने ऊपर के कमरे में जाकर फांसी लगा ली। कुछ देर बाद वह ऊपर पहुंची तो उसने प्रत्युष को फंदे से लटका देखा।

खेती बेचकर बुलेट खरीदने का दिया था आश्वासन : रामपति ने बताया कि प्रत्युष ने बुलेट की मांग पूरी न होने के कारण एक-दो दिन बीच में खाना खाने से भी इन्कार कर दिया था। हफ्ते भर पहले उसके पिता आए थे। उन्होंने उसे समझाया था, पर फिर भी वह नहीं माना। इसके बाद उन्होंने कहा कि वह खेती बेचकर बुलेट खरीद देंगे। इसके लिए उन्हें एक महीने का समय चाहिए, पर बेटे ने वह समय नहीं दिया।

दो परिवारों का चिराग था प्रत्युष
प्रत्युष अपने पिता के साथ ही चाची रामपति के परिवार का भी चिराग था। मोनिका ने बताया कि उसके चाचा राम स्वरूप सचिवालय कर्मी थे। उनको कोई संतान नहीं थी। उनकी पांच साल पहले मौत हो गई थी। चाची रामपति, प्रत्युष को बेटे से भी ज्यादा मानती थीं। वह उन्ही के घर पर रहकर पढ़ाई करता था। परिवार में प्रत्युष की बहन सौम्या, शांभवी, मोनिका और मां रामरानी हैं।

कक्षा छह की छात्रा ने जान दी
रायबरेली रोड पंचम खेड़ा में मुस्कान (14) ने फांसी लगा ली। वह क्षेत्र स्थित स्कूल से कक्षा छह की छात्रा थी। पुलिस के मुताबिक मुस्कान यहां पंचमखेड़ा में चरन भंट्ठे के पास रहने वाले अपने मामा सत्येंद्र के यहां रह रही थी। सत्येंद्र उतरेटिया स्थित एक शोरूम में नौकरी करते थे। पुलिस ने बताया कि सोमवार को सत्येंद्र क्षेत्र स्थित स्कूल से अपने बेटे सक्षम को लेने गए थे। दोपहर लौटे तो घर के अंदर बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद होने पर काफी देर खटखटाते रहे। कोई उत्तर न मिलने पर उन्होंने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा। बाथरूम में रोशनदान से दुपंट्टे के सहारे मुस्कान का शव लटका देख वह अवाक रह गए। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। मुस्कान हरदोई की रहने वाली है। परिवार में उसके पिता, मां और दो बहने हैं। परिवारीजनों ने बताया कि बीमारी से परेशान होकर मुस्कान ने आत्महत्या की है।

SI News Today

Leave a Reply