Friday, March 29, 2024
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सर्दी में त्वचा की देखभाल कैसे करे, यहाँ जानिए…

SI News Today

सर्दी का मौसम शुरू हो रहा है। यह बदलता मौसम शरीर को जितना अच्छा लगता है उतना ही इसमें स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना पड़ता है। खासकर त्वचा का। मौसम कोई भी हो, बदलता है तो त्वचा को हर तरह से प्रभावित करता है। त्वचा चूंकि शरीर का बाहरी आवरण है, इसलिए यह सबसे ज्यादा संवेदनशील होती है। धूल, मिट्टी, हवा, गर्मी, सर्दी, उमस, बारिश का सबसे पहला असर त्वचा पर ही होता है। इसलिए त्वचा का हमेशा ध्यान रखा जाना चाहिए।

मौसम में बदलाव के दौरान त्वचा को एक अच्छे क्लीनर और मॉइस्चराइजर की जरूरत होती है। शरीर के अन्य हिस्सों के मुकाबले चेहरे की त्वचा के ऊतक ज्यादा नाजुक होते हैं, इसीलिए इन्हें अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है।

क्यों होते हैं त्वचा रोग
यों त्वचा रोग का कोई एक कारण नहीं है। यह हमारे शरीर से कई तरह से जुड़ा है। इसमें आहार-विहार, पथ्य-अपथ्य जैसी बातें ज्यादा महत्त्वपूर्ण हैं। फिर भी कुछ ऐसे कारण हैं जो त्वचा रोग के कारण बनते हैं। जैसे:

’ धूप में ज्यादा देर रहना।
’ महिलाओं में मासिक अनियमितता।
’ ज्यादा गैस बनने से खुश्की की समस्या।
’ एंटीबायोटिक दवाओं के दुष्प्रभाव।
’ साबुन में सोडा ज्यादा होना।
’ खून की खराबी से त्वचा रोग।
’ शरीर पर धूल-मिट्टी और पसीना जमना।
’ खाने या नाश्ते के तुरंत बाद कसरत करना।
’ मसालेदार, तली, खट्टी चीजें खाने से त्वचा रोग।

अगर त्वचा रोग हो तो
’ बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, शराब, बियर, कॉफी, गांजा या किसी भी नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
’ दिनचर्या का खासकर खयाल रखें। समय से सोना, समय पर उठना, रोज नहाना और धूप से बचाव बहुत जरूरी है।
’ रोज रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध में, एक छोटा चम्मच हल्दी मिला कर लें।
’ पाचन तंत्र दुरुस्त रखें।
’ अचार, नींबू, नमक, मिर्च, टमाटर जैसी खट्टी चीजों का सेवन बिल्कुल न करें।

साबुन का इस्तेमाल
त्वचा पर साबुन के इस्तेमाल का भी बहुत असर होता है। इसलिए साबुन खरीदते वक्त ध्यान रखें कि उसमें पर्याप्त मात्रा में मिनरल आॅयल या ग्लिसरीन हो। ग्लिसरीन युक्त साबुन त्वचा को रूक्ष होने से बचाता है। अगर आपको ऐसे साबुन नहीं मिलते हैं, तो नहाने के बाद मिनरल आॅयल पर आधारित बॉडी लोशन भी लगा सकते हैं।

शरीर पर त्वचा की मोटाई अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होती है, इसलिए इनके उपाय भी अलग-अलग होने चाहिए। हाथ और पैर कम तेल उत्पन्न करते हैं, इसलिए इन्हें बार बार मॉइस्चराइज की जरूरत पड़ती है। इसलिए रात को सोने से पहले हाथ-पैरों पर मॉइस्चराइजर लगाना चाहिए।

नीम का इस्तेमाल
त्वचा रोगों से निपटने के लिए सबसे अच्छी कुदरती चीज है नीम। नीम से त्वचा रोग जल्द ठीक होते हैं। नहाते वक्त पानी में नीम के पत्ते जरूर डाल लें। नीम की कोपलों को सुबह खाली पेट चबाने से भी त्वचा रोगों से बचा जा सकता है।

सरसों का तेल
अगर सूखेपन की शिकायत रहती हो तो सरसों के तेल में हल्दी मिला कर उसकी हल्की मालिश करने से त्वचा का सूखापन दूर हो जाता है। सरसों के तेल में लहसुन की कुछ कलियां डाल कर उसे गरम कर लें और फिर इससे मालिश कर लें तो खुजली की समस्या दूर हो जाती है।
सेब खाएं
रोजाना एक या दो सेब खाने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं। त्वचा का तैलीयपन दूर करने के लिए एक सेब को अच्छी तरह से पीस कर उसका लेप पूरे चेहरे पर लगा कर दस मिनट के बाद चेहरे को हल्के गरम पानी से धो लें। इससे चेहरे की त्वचा में एकदम निखार आ जाएगा।

गाजर का उपयोग
रोजाना सुबह एक कप गाजर का रस पीने से हर तरह के त्वचा रोग दूर होते हैं। गाजर में विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए रोज गाजर खाने से त्वचा का सूखापन दूर होता है। पालक और गाजर का रस समान मात्रा में मिला कर उसमें दो चम्मच शहद मिला कर पीने से सभी तरह के चर्म रोग दूर होते हैं। गाजर खून को भी साफ करती है, इसलिए रोज गाजर खाने वाले व्यक्ति को फोड़े फुंसी, मुहासे और अन्य चर्म रोग नहीं होते।

पथ्य-अपथ्य
त्वचा रोगों का एक बड़ा कारण पथ्य और अपथ्य है। क्या खाएं, क्या न खाएं, या फिर किसके साथ क्या नहीं खाना चाहिए, इसका बहुत ध्यान रखना चाहिए।

आहार दो प्रकार का होता है- पथ्य और अपथ्य। जो आहार शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है, बल, बुद्धि और दीघार्यु देता है, वह पथ्य कहलाता है। जबकि जो आहार शरीर में रोग उत्पन्न करता है, उसे अपथ्य कहते हैं। जैसे- दूध के साथ दही, नमक, इमली, खरबूजा, नारियल, मूली, मूली के पत्ते, तोरी, तिलकुट, तेल, कुल्थी, सत्तू, खट्टे फल, खटाई आदि कभी नहीं खाना चाहिए। इसी तरह दही के साथ दूध, खीर, पनीर, गरम खाना हानिकारक होते हैं। शहद के साथ मूली, अंगूर, गरम चीजें नहीं खानी चाहिए। खीर के साथ खिचड़ी, खटाई, सत्तू, कटहल आदि का सेवन नहीं करें। चाय के साथ ककड़ी-खीरा न लें।

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