उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के नियमों में फेरबदल किया गया है। मंदिर प्रशासन ने भस्म आरती को लेकर नए नियम बनाए हैं और उनकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी। कोर्ट ने प्रशासन के कदम को सराहनीय बताते हुए नए नियमों को झरी झंडी दी है। नियमों के मुताबिक, अब से मंदिर में शाम पांच बजे तक शिवलिंग का अभिषेक किया जा सकेगा। जलाभिषेक के लिए रिवर्स ऑसमॉसिस (आरओ) वाले पानी इस्तेमाल किया जाएगा। एक श्रद्धालु आधा लीटर जल ही शिवलिंग पर चढ़ा सकेगा। वहीं, उसे सवा लीटर पंचामृत चढ़ाने की अनुमति दी जाएगी। मंदिर में आरती के बाद शिवलिंग को सूती कपड़े से ढंकना भी जरूरी होगा।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में महाकाल मंदिर के नियमों पर सुनवाई हुई, जिसमें इन नियमों को वाजिब बताया गया। दरअसल, महाकाल मंदिर समिति ने भस्म और पंचामृत से शिवलिंग को नुकसान से बचाने के सुप्रीम कोर्ट में प्रस्ताव दिया था। समिति ने मंदिर को नुकसान पहुंचने से जुड़ी एक रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी थी, जिसका अध्ययन करने के बाद कोर्ट ने कमेटी गठित की। कमेटी ने माना है कि शिवलिंग और मंदिर परिसर अब पहले जैसे नहीं है। उन्हें कई कारणों से नुकसान हुआ है, जिसमें अधिक भीड़ और पूजा सामग्री को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।