उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनावों की घोषणा हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग प्रदेश में तीन चरणों 22, 26 व 29 नवंबर को चुनाव संपन्न कराएगा। मतगणना एक दिसंबर को होगी। निकाय चुनाव में आयोग ने दस वर्ष के बाद प्रत्याशियों की खर्च सीमा में इजाफा किया है। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष प्रत्याशियों की खर्च सीमा चार लाख रुपए से बढ़ाकर आठ लाख रुपए कर दी गई है। जबकि महापौर प्रत्याशियों की खर्च सीमा में भी इजाफा किया गया है। राज्य के निर्वाचन आयुक्त एके अग्रवाल ने बताया कि लखनऊ व कानपुर नगर निगम, जहां 80 या उससे अधिक वार्ड हैं, महापौर प्रत्याशियों की खर्च सीमा को साढ़े बारह लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपए किया गया है। जबकि अन्य नगर निगमों में महापौर प्रत्याशियों की खर्च सीमा को बढ़ाकर बीस लाख रुपए किया गया है। उन्होंने बताया कि पार्षद प्रत्याशियों की खर्च सीमा को भी एक लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए किया गया है।
उन्होंने बताया कि 22 नवंबर को प्रथम चरण में 21 नगर निगम व 71 नगर पालिका क्षेत्रों में चुनाव कराए जाएंगे। इसमें 24 जिले शामिल होंगे। 26 नवंबर को 132 नगर पंचायतों में चुनाव होंगे। इसमें 25 जिलों को शामिल किया गया है। जबकि 29 नवंबर को 152 नगर पंचायतों और पांच नगर निगम क्षेत्रों में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। तीसरे चरण में भी 26 जिले शामिल किए गए हैं। मतदान सुबह साढ़े सात बजे से शाम पांच बजे तक होंगे। जिन स्थानों पर मतदान होंगे वहां दो दिन पूर्व से शराब की बिक्री नहीं होगी।
साथ ही नगर की सीमाओं को भी सील किया जाएगा ताकि किसी भी तरह की अनहोनी को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि अधिसूचना जारी हो चुकी है। इस बार मतदाताओं को आयोग की वेबसाइट पर मोबाइल नंबर पंजीकृत करने का विकल्प दिया गया है। सभी सूचनाएं और परिणाम मोबाइल नंबर पर तत्काल उपलब्ध करा दी जाएंगी। ऐसा देश में पहली बार हो रहा है। उन्होंने बताया कि मतदान के दौरान बूथों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। साथ ही 11 हजार 389 पोलिंग बूथ में अति संवेदनशील दस प्रतिशत पोलिंग बूथों पर आयोग की पैनी नजर रहेगी। श्री अग्रवाल ने बताया कि चुनाव के दौरान नगर निगमों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। जबकि जबकि नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं के चुनाव में बैलट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा।