लखनऊ: शुक्रवार को योगी सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य सिर्फ 10 रुपए प्रति क्विंतल बढ़ा दिया। उसको लेकर किसानों का गुस्सा फूट गगया है। योगी सरकार के फैसले के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन के तमाम नेताओं ने शनिवार सुबह विधानसभा के बाहर में गन्ने को जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया। इस मौके पर बड़ी संख्या में किसानों ने सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया।किसानों के इस प्रोटेस्ट को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती थी । किसानों की ये है मांग
किसानों ने कहा, “प्रदेश सरकार की तरफ से गन्ने पर तय किया समर्थन मूल्य नाकाफी है। चीनी मिलों से सरकार की मिलीभगत के चलते गन्ना किसानों को ये भीख दी गई है। किसानों ने मांग की है कि गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 450 रुपए प्रति कुतंल, जबकि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति कुतंल और आलू का न्यूनतम समर्थन मूल्य एक हजार रुपए किया जाए।
किसानों के साथ भद्दा मजाक: किसान नेता
– भारतीय किसान यूनियन के नेता हरिनाम सिंह वर्मा ने कहा, “प्रति कुतंल 10 रुपए बढ़ोत्तरी कर किसानों के साथ सरकार ने भद्दा मजाक किया है। योगी सरकार का व्यवहार भी ठीक वैसा ही है, जैसे पिछली सरकारों का व्यवहार रहा है। गन्ना मूल्यों के दामों में बढ़ोत्तरी महंगाई दर में बढ़ोत्तरी की तुलना में काफी कम हैं।”
10 रुपए बढ़ा है गन्ने का समर्थन मूल्य
– योगी सरकार ने गन्ना की स्टेस एडवाइज्ड प्राइस को 10 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है, यानि प्रति किलो 10 पैसे की कीमत की बढ़ोत्तरी की गई है। अब योगी सरकार गन्ना किसानों से गन्ना 305 रुपए प्रति क्विंतल की जगह 315 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है।
– अब किसानों को 3.05 रुपए प्रति किलो की बजाए 3.15 रुपए प्रति किलो के हिसाब से गन्ने की कीमत मिलेगी, हालांकि गन्ना उद्योग ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन किसान सरकार के इस फैसले के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं।