Saturday, April 20, 2024
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सुप्रीम कोर्ट: आरओ के आधा लीटर पानी से ही होगा महाकाल का जलाभिषेक…

SI News Today

नई दिल्ली: उज्जैन के महाकाल शिवलिंग पर अब सिर्फ आरओ के पानी से ही जलाभिषेक हो पाएगा। शिवलिंग काे क्षरण से बचाने के लिए मंदिर समिति के 8 सुझावों को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी। नई व्यवस्था में आरओ का आधा लीटर पानी ही चढ़ाने की इजाजत मिलेगी। दूध या पंचामृत के लिए भी 1.25 लीटर की मात्रा तय कर दी गई है। शाम पांच बजे अभिषेक पूरा होने पर शिवलिंग की सफाई की जाएगी। इसके बाद सिर्फ सूखी पूजा ही होगी। कोर्ट ने कहा है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और याचिकाकर्ता 15 दिन के अंदर इस पर अपने सुझाव या आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी। याचिकाकर्ता ने कहा- लाखों श्रद्धालु कितना जल चढ़ाएंगे अंदाजा लगा सकते हैं….

– उज्जैन की याचिकाकर्ता सारिका गुरु की याचिका पर जस्टिस अरुण मिश्रा और एल नागेश्वर राव की बेंच ने सुनवाई की।
– इस दौरान मंदिर प्रबंधन ने अपना प्रस्ताव रखा।

पढ़िए सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई लाइव…..
मंदिर कमेटी : हमने जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर कुछ सुझाव लागू कर दिए हैं। कुछ पर काम चल रहा है।
याचिकाकर्ता : कमेटी ने अभी कुछ नहीं किया है।
जस्टिस अरुण मिश्रा : आप अपनी आपत्ति बताएं।
याचिकाकर्ता : एक श्रद्धालु आधा लीटर पानी चढ़ाएगा तो लाखों श्रद्धालु कितना चढ़ाएंगे, अंदाजा लगा सकते हैं।
मंदिर कमेटी : यह जांच टीम को ही देखने दें कि हमने क्या किया है।
याचिकाकर्ता : कमेटी कुछ भी करे, मुझे कोई आपत्ति नहीं। लेकिन शिवलिंग पर दूषित पानी इस्तेमाल न हो।
जस्टिस मिश्रा : कुछ न करने से कुछ करना अच्छा होता है। कमेटी ने कुछ किया है। उम्मीद है आने वाले समय में और अच्छा करेगी। कुछ चीजें धीरे-धीरे ही अच्छी होती हैं। मंदिर कमेटी किसी का इंतजार न करे।

दूध, दही, घी, शहद और शकर से हो रहा है शिवलिंग का क्षरण
– सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ समिति ने रिपोर्ट में माना कि दूध, दही, घी, शहद, शकर और फूलमाला भी शिवलिंग के क्षरण की वजह हैं।
– पूजा में रासायनिक पाउडर पर पाबंदी हो, लोहे की जगह प्लास्टिक की बाल्टियां इस्तेमाल की जाएं।
नई व्यवस्था; मंदिर के प्लांट से ही मिलेगा पानी
– श्रद्धालु आधा लीटर से ज्यादा जल नहीं चढ़ाएंगे। अभिषेक के लिए पानी 2016 में स्थापित आरओ प्लांट से लिया जाएगा। इसके लिए गर्भगृह के पास कनेक्शन दिए जाएंगे।
– हर श्रद्धालु को 1.25 लीटर दूध या पंचामृत चढ़ाने की इजाजत होगी।
– हर शाम 5 बजे जलाभिषेक के बाद गर्भगृह और शिवलिंग को सुखाया जाएगा। इसके बाद जलाभिषेक नहीं होगा। सूखी पूजा होगी।
– शिवलिंग पर चीनी पाउडर लगाने की इजाजत नहीं होगी। केवल खांड इस्तेमाल की जाएगी।
– भस्म आरती के दौरान शिवलिंग सूखे सूती कपड़े से ढका जाएगा। अभी सिर्फ 15 दिन के लिए शिवलिंग आधा ढका जाता था। भस्मारती में उपलों की राख का इस्तेमाल होता है।
– शिवलिंग को नमी से बचाने के लिए ड्रायर व पंखे लगाए जाएंगे। बेल पत्र व फूल-पत्ती केवल ऊपरी भाग में ही चढ़ेंगे।

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