लखनऊ: यहां के पासपोर्ट ऑफिस में सीएम योगी अपना डिप्लोमैटिक पासपोर्ट रि- ईश्यू के लिए शाम 5 बजकर 13 मिनट पर पहुंचे। बता दें कि गोरखपुर के सांसद पद से इस्तीफा देने से पहले उनका डिप्लोमैटिक पासपोर्ट की (MP) कैटेगरी में था। जिसे दोबारा बनवाने के लिए शनिवार को पहुंचे थे। उधर सीएम योगी के आने की खबर मिलने के बाद पासपोर्ट ऑफिस के आस-पास के इलाकों में साफ-सफाई आनन-फानन में शुरु हो गई।डिप्लोमैटिक पासपोर्ट की पावर
– डिप्लोमैटिक पासपोर्ट का कवर मरून कलर का होता है। यह पासपोर्ट भारतीय डिप्लोमेट्स, एमपी, टॉप रैंकिंग सरकारी अधिकारी और डिप्लोमैटिक कूरियर (डिप्लोमेट्स के सामान) के लिए जारी किए जाते हैं। डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होल्डर और उसके सामान की जांच नहीं होती। यह पासपोर्ट रखने वालों को इमिग्रेशन क्लियरेंस लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ता। ये पासपोर्ट विदेश मंत्रालय की मंजूरी पर ही किसी KA देश के प्रतिनिधित्व के लिए जारी किया जा सकता है।
– उनके सामान के लिए भी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट जारी होता है यानी उनके सामान की भी चेकिंग नहीं की जाती। हालांकि, यह पर्सनल ट्रिप्स के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
– डिप्लोमैटिक पासपोर्ट हर व्यक्ति के लिए जारी नहीं होता। यह पासपोर्ट विदेश विभाग के अधिकारियों के अलावा सांसदों और चुनिंदा लोगों के लिए ही जारी किया जाता है। नियमों के मुताबिक , विशेष अधिकार रखने वाले टॉप अधिकारियों को ये पासपोर्ट जारी होता है। खासकर वो लोग, जो विदेशों में देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। डिप्लोमैटिक पासपोर्ट आपकी डेजिग्नेशन और क्षमता के बारे में बताता है। यह रिटर्न करने के बाद सीधा सरकार के पास जाता है। भारत सरकार तीन तरह के पासपोर्ट जारी करती है।