Friday, March 29, 2024
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योगी सरकार: प्रदेश में संदिग्ध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश…

SI News Today

लखनऊ: देश में इन दिनों रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर सख्ती बरत रही है। वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में संदिग्ध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।

-सूत्रों के अनुसार, यूपी के कई ऐसे जिले हैं। जहां की झुग्गी-झोपड़ी में बांग्ला भाषा बोलने वाले खुद को असमी बताकर संदिग्ध पैमाने पर बांग्लादेशी रह रहे हैं।
-“राजधानी में करीब 50 हजार की संख्या में संदिग्ध बांग्ला बोलने वाले मिले हैं। वहीं, इलाहाबाद में 35 हजार, वाराणसी में 15 हजार और कानपुर में यह संख्या 45 हजार के करीब बताई जा रही है। फिलहाल यूपी के अन्य जिलों में भी संदिग्ध बांग्लादेशियों की जांच चल रही है।”
-असम पुलिस के प्राथमिक सर्वे में सामने आया है कि असमी बताने वाले संदिग्धों में से ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिन्होंने बरपेटा जिले से ही अपने पहचान पत्र बनवाए हैं।
-लखनऊ में बीते दिनों की गई छानबीन में भी सामने आ चुका है कि असम का अपना पहचान पत्र दिखाने वाले लोगों में ज्यादातर बरपेटा या उसके आसपास के जिलों से ताल्लुक रखते हैं।
-इस जानकारी के बाद अब खुफिया एजेंसियों ने उन एजेंसियों के बारे में छानबीन शुरू कर दी है। जिनके जरिए बरपेटा व आसपास के जिलों में रहने वालों के पहचान पत्र जारी किए गए हैं।
-असम के अलावा बांग्लादेशी नागालैंड की सीमा से भी भारत में प्रवेश कर संदिग्ध गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। वहां भी फर्जी पहचान पत्र बनाने का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। खुफिया एजेंसियों को मिली इस रिपोर्ट के बाद अब असम के साथ नागालैंड पुलिस भी इस मामले की छानबीन में जुट गई है। सूत्रों का कहना है, “नागालैंड से फर्जी पहचान पत्र बनवाकर वाहनों की खरीद फरोख्त से लेकर अन्य गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं।”

थानेदारों से मांगी गई सूची
-एसएसपी दीपक कुमार का कहना है “थानेदारों से दो माह में हर इलाके में रहने वाले संदिग्धों की सूची मांगी गई है। सूची मिलने के बाद उसे सत्यापन के लिए असम भेजा जाएगा। वहां से रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल उन्होंने बताया कि एक रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।
-राजधानी में रहने वाले 1700 संदिग्ध बांग्लादेशियों की सूची लखनऊ पुलिस बीते माह असम पुलिस को भेज चुकी है। उसमें संदिग्धों के पहचान पत्रों के सत्यापन करवाने के बाद उसकी रिपोर्ट असम पुलिस से मांगी गई है। मामले की छानबीन कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि असम पुलिस को दो रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं।
-उन्होंने बताया कि अभी वहां से कोई जवाब नहीं आया। अगर असम पुलिस की रिपोर्ट में सूचीबद्ध संदिग्ध बांग्लादेशी पाए जाते हैं तो इनको वापस भेजने की तैयारी की जाएगी।

2 करोड़ तक हो सकते ऐसे संदिग्ध
-सीएम के निर्देश के बाद जब ऐसे बंग्लादेशी को चिन्हित करना शुरू किया गया तब प्रथम चरण की जांच में हर जिले में ऐसे संदिग्ध लोग पाए गए हैं। इंटीलेन्स के सूत्र बताते हैं कि ऐसे संदिग्धों की संख्या केवल यूपी में 2 करोड़ तक हो सकती हैं। फिलहाल उन्हें चिन्हित किये जाने का काम किया जा रहा है।
एलआईयू, प्रशासन टीम और पुलिस कर रही चिन्हित

-एडीजी एलओ आंनद कुमार ने कहा “यूपी के सभी एसपी-एसएसपी को ऐसे संदिग्ध लोगों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं।” उन्होंने बताया कि चिन्हित करने के लिए जिला प्रशासन की टीम का भी सहयोग लिया जा रहा है। अभी कितने चिन्हित हुए हैं यह स्पष्ट नहीं हो पाया हैं।
6 साल में दोगुना हो गए संदिग्ध बांग्लादेशी

-गुडम्बा पुलिस ने 2011 में अपने इलाके में संदिग्ध बांग्लादेशियों का सत्यापन करवाया था, इसमें से ज्यादातर बरपेटा के ही रहने वाले थे। गुडम्बा पुलिस ने अपनी गोपनीय रिपोर्ट तत्कालीन डीजीपी विक्रम सिंह को सौंपी थी। डीजीपी ने उस रिपोर्ट के आधार पर पूरे शहर में छानबीन करवाई थी। पुलिस व खुफिया तंत्र की ओर से उस समय तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक संदिग्ध बांग्लादेशियों की संख्या लखनऊ में 50 हजार के आसपास थी।
-पुलिस सूत्रों के अनुसार मौजूदा समय में तैयार करवाई जा रही रिपोर्ट से आंका जा रहा है कि संदिग्धों की संख्या लखनऊ में ही एक लाख के पार पहुंच चुकी है।

योगी आदित्यनाथ ने दिया था आदेश
-यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में व्यवस्था की समीक्षा करते प्रदेश में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की समस्या से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही थी। उन्होंने अधिकारियों को हर जिले का सर्वे कराकर अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को प्रदेश से बाहर करने के लिए कहा था।
-सीएम के आदेश के बाद प्रशासन इस मामले में गंभीर हो गया है।

छह महीने में चार बांग्लादेशी संदिग्ध हो चुके हैं अरेस्ट
-यूपी एटीएस ने 6 अगस्त, 2017 को अंसारुल्ला बांग्ला टीम के आतंकी अब्दुल्लाह अल मामून पुत्र रहीसुद्दीन को मुजफ्फरनगर के कुटेसरा क्षेत्र से गिरफ्तार किया था।
-मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार अब्दुल्लाह ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना पासपोर्ट बनवाया था। उसके कब्जे से फर्जी आधार कार्ड, पासपोर्ट, चार मोहरें तथा 13 पहचान पत्र बरामद हुए थे।
-14 सितम्बर, 2017 को यूपी एटीएस की लखनऊ टीम ने तीन बांग्लादेशी युवकों मोहम्मद इमरान पुत्र अब्दुल खालिक रजीदुद्दीन पुत्र अब्दुल खालिक, मो. फिरदौस पुत्र अब्दुल खालिक को चारबाग रेलवे स्टेशन, लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था, ये तीनों युवक सगे भाई थे। एटीएस की पूछताछ में इन्होंने बंग्‍लादेशी होने की बात स्वीकार की है।

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