Friday, April 19, 2024
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राजधानी: टीटीई का कारनामा, सीटें दो और कन्फर्म टिकट चार के पास…

SI News Today

लखनऊ: दो सीट और टिकट चार यात्रियों के पास, वह भी कंफर्म। सुनकर हैरानी जरूर होगी, लेकिन आनंद विहार-गोरखपुर स्पेशल ट्रेन में ऐसा ही हुआ। दो यात्रियों की सीट स्लीपर क्लास से अपग्रेड होकर एसी थर्ड में अपग्रेड हो गई। इसके बावजूद टीटीई ने यात्रियों को उनकी अपग्रेड सीट की जानकारी ही नहीं दी, जबकि अपग्रेड के बाद खाली हुईं दोनों सीटें दो अन्य यात्रियों को आवंटित हो गईं। ऐसे में चार यात्रियों के पास दो सीटों के कंफर्म टिकट होने को लेकर विवाद हो गया। आखिर में रात भर चारों यात्री दो सीट पर सफर करते रहे। रेलवे ने टीटीई की भूमिका की जांच शुरू कर दी है।

तत्काल के बराबर किराया देकर माया देवी और उनके रिश्तेदार राहुल ने आनंद विहार-गोरखपुर स्पेशल ट्रेन का आरक्षण कराया था। उनको पीएनआर नंबर 260-0059746 पर स्लीपर बोगी एस-7 में सीट नंबर 43 और 44 आवंटित हुईं। माया देवी और राहुल की सीट एसी थर्ड बोगी बी-4 में 31 एवं 32 पर अपग्रेड हो गई। इसके बाद मायादेवी की सीट गोरखपुर जा रहे गया प्रसाद को पीएनआर नंबर 250-0338794 पर तथा राहुल के नाम आवंटित सीट पीएनआर नंबर 238-2804841 पर एक वृद्ध महिला यात्री को आवंटित कर दी गई। ट्रेन जब आनंद विहार से चलने को तैयार थी तो चारों यात्री एस-7 बोगी में पहुंचे और अपने पास कंफर्म टिकट का सीट नंबर दिखाते हुए बैठने लगे। इसे लेकर माया देवी और राहुल का दोनों अन्य यात्रियों के साथ विवाद हो गया।

टीटीई ने किया गोलमाल
नियमानुसार यात्री की सीट दूसरे क्लास में अपग्रेड होने के बाद इसकी सूचना रेलवे की ओर से यात्रियों को मैसेज से दी जाती है। आरक्षण चार्ट पर भी पूर्व में आवंटित सीट नंबर के सामने ही अपग्रेड की गई नई सीट की डिटेल भी अंकित हो जाती है। इसे देखकर ही टीटीई यात्रियों को उनकी अपग्रेड हुई सीट की जानकारी दे देता है, लेकिन आनंद विहार-गोरखपुर स्पेशल में ऐसा नहीं हुआ। टीटीई ने विवाद बढऩे के बावजूद माया देवी और राहुल को उनकी अपग्रेड की गई सीट की जानकारी नहीं दी।

टीटीई ने चारों यात्रियों को दोनों सीटों पर बैठकर यात्रा करने को कहा। इसके चलते बीमार माया देवी और राहुल को एसी थर्ड बोगी में सीट होने के बावजूद स्लीपर क्लास की एक ही सीट पर सफर करना पड़ा। माया देवी का कहना है कि उन्होंने अपना टिकट बनवाते समय आरक्षण केंद्र पर दिए गए फार्म पर मोबाइल नंबर दिया था। इसके बावजूद रेलवे की ओर से अपग्रेड की कोई सूचना नहीं दी गई।

इस पूरे प्रकरण में रेलवे की कोई गलती नहीं है। रेलवे ने स्लीपर क्लास के यात्री को एसी थर्ड में बिना कोई शुल्क लेकर सीट अपग्रेड कर दी थी। इसका मैसेज उस नंबर पर भेजा गया होगा, जो आरक्षण फार्म में दर्ज था। साथ ही यह टीटीई की भी ड्यूटी है कि वह आरक्षण चार्ट देखकर सीट अपग्रेड होने की जानकारी यात्रियों को दे। टीटीई ने ऐसा क्यों नहीं किया, इसकी जांच की जाएगी।

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