बिहार में लगातार घोटाला का दौर जारी है. अभी सृजन का शोर थमा भी नहीं था कि एक और घोटाला सामने आया है. इस बार शौचालय के नाम पर तेरह करोड़ रुपए का घोटाला करने की खबर है. इस में सबसे हैरानी की बात यह है कि इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार पहल कर रहे हैं.
पीएचईडी से तेरह करोड़ रुपए से अधिक की निकासी पिछले 4 सालों में की गई है. पटना जिले में हुए इस अनियमितता को अपने विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान पटना जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने पकड़ा है. पिछले दिनों संजय अग्रवाल पीएचईडी की समीक्षा कर रहे थे. उसी समीक्षा में यह स्पष्ट हुआ कि लाभुकों को पैसा देने के बजाय फर्जीवाड़ा किया गया है.
यही मीडिया में चल रही खबर के अनुसार लाभुकों को पैसा देने के बजाय बीते 4 सालों में आधा दर्जन से अधिक NGO के खाते में शौचालय निर्माण की राशि डाल दी गई है.जिसके तहत दो लाख रूपए से 10 करोड़ तक रुपए विभिन्न NGO के खाते में डाले गए हैं. इस मामले में पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा और लेखापाल बिटेश्वर प्रसाद सिंह को प्रथम दृष्टया दोषी माना गया है. जिसके बाद लेखापाल को सस्पेंड कर दिया गया है और अभियंता को सस्पेंड करने की अनुशंसा की गई है.