Saturday, April 20, 2024
featuredदेश

तीन दीवारों से होगी केदारनाथ धाम की सुरक्षा, जानिए कैसे…

SI News Today

उत्तराराखंड में साल 2013 की प्राकृतिक आपदा से सबक लेते हुए सरकार ने राज्य के सर्वाधिक संवेदनशील पर्वतीय क्षेत्र में मौजूद केदारनाथ धाम को तीन दीवारों के सुरक्षा कवच से घेरने वाली पुनर्विकास योजना को कुछ संशोधनों के साथ अंतिम रूप दे दिया है। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा तैयार की गई केदारपुरी पुनर्निर्माण योजना के संशोधित मसौदे में धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के इस तीर्थस्थल को प्राकृतिक आपदाओं से स्थायी सुरक्षा प्रदान करने के उपाय किए गए हैं।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी से संशोधित योजना में तीन अहम बदलाव शामिल किए गए हैं। इनमें केदारनाथ मंदिर परिसर को तीन स्तरीय सुरक्षा कवच से घेरना, साधकों की आध्यात्मिक साधना के लिए केदारनाथ धाम के आसपास पहाड़ियों में गुफाएं बनाना और तीर्थयात्रियों के रुकने-ठहरने सहित किसी भी मकसद से होने वाले निर्माणकार्यों को नदी के बहाव की दिशा में ही करने की बाध्यता को शामिल किया गया है। पूर्व योजना में मंदिर परिसर को दीवारों के दो स्तरीय सुरक्षा कवच से घेरने की बात कही गई थी।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने मोदी ने केदारनाथ मंदिर के आसपास दो वर्ग किमी क्षेत्रफल में 750 करोड़ रुपए की पुनर्निर्माण योजना को हरी झंडी दिखाई थी। उनके सुझाव पर योजना में किए गए संशोधनों के बाद मंत्रालय ने इसे अंतिम रूप दिया है। इसके तहत केदारनाथ धाम को अंग्रेजी वर्णमाला के ‘यू’ अक्षर के आकार की तीन दीवारों से घेरा जाएगा। इसमें मंदिर के दोनों ओर मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी की धारा के समानांतर पूरे परिसर को घेरते हुये ‘यू’ आकार में बोल्डर की पहली दीवार बनाई जाएगी। इसके बाद दूसरा घेरा धातु की जालियों के कवच वाली पत्थरों की दीवार का और तीसरा घेरा कंक्रीट की दीवार का होगा। पूर्व योजना में दो स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया जाना था।

नई योजना के तहत इमारतों को बनाने में स्थानीय निर्माण सामग्री और वास्तु से जुड़ी पारंपरिक तकनीक का इस्तेमाल करने की बात कही गई है। इसमें कम ऊंचाई वाली इमारतों को अधिकतम दो मंजिल तक ही बनाने की ताकीद की गई है। साथ ही मंदिर परिसर में मुख्य इमारत के चारों ओर 50 मीटर के दायरे में कोई भी निर्माणकार्य नहीं होगा, जिससे निर्माणकार्य की विघ्नबाधा से मुक्त रखने के लिए समूचे परिसर को पूरी तरह से खुला रखा जा सके। इसका मकसद भगदड़ जैसी स्थिति से बचना है।

उल्लेखनीय है कि हर साल लगभग छह लाख तीर्थयात्री केदारनाथ के दर्शन के लिए जाते हैं। संशोधित योजना में साधकों को ध्यान एवं योग साधना के लिए मंदिर परिसर के आसपास गुफाएं और एक संग्रहालय बनाने का भी प्रावधान किया गया है। लगभग 1500 करोड़ रुपए की लागत वाली इस योजना को राज्य सरकार की भागीदारी से पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

SI News Today

Leave a Reply