Saturday, April 20, 2024
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3 साल में 50 लाख लोगों ने किए रामलला के दर्शन, मोदी सरकार में हुआ ऐसा…

SI News Today

लखनऊ: राम मंदिर मुद्दे को जहां एक तरफ सुलझाने की कोशिश की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ रामलला के दर्शन करने के लिए भारतीय और विदेशी सैलानियों की तादाद में इजाफा हुआ है। केंद्र में बीेजेपी की सरकार (2014) आने के बाद से अयोध्या में टूरिस्टों की संख्या बढ़ी है। 2014 से 2016 तक 50.47 लाख लोगों ने रामलला के दर्शन किए। वहीं, अयोध्या के मुस्लिमों ने कहा है कि अगर राम मंदिर बनता है तो इसका फायदा मुस्लिम समाज को ही होगा।

2013 से अयोध्या पहुंचे करीब 65 लाख लोग
– वहीं 2014 में 15 लाख 80 हजार 721 भारतीय और 2039 विदेशी, 2015 में 16 लाख 50 हजार 155 भारतीय और 2314 विदेशी और 2016 में 18 लाख 9 हजार 340 भारतीय और 2621 विदेशी टूरिस्ट रामलला के दर्शन पहुंचे।

– 2013 से 2016 तक अयोध्या में कुल 64 लाख 88 हजार 371 भारतीय सैलानी और 8534 विदेशी सैलानियों ने रामलला के दर्शन किए।

जिद और स्वार्थ की वजह से अटका मंदिर
– रामलला के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने बताया, “मंदिर केवल जिद और स्वार्थ की वजह से अटका हुआ है। बीजेपी ने राम को अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया। जो पक्षकार हैं उन्हें राम नहीं बल्कि संपत्ति से ज्यादा लगाव है।”

– सत्येंद्र दास कहते हैं- “श्री श्री की पहल अच्छी है लेकिन इसका कोई रिजल्ट नहीं आने वाला। अयोध्या के मुस्लिम भी चाहते हैं कि मंदिर बन जाए, लेकिन जो नेता है, उन्होंने रोड़ा अटकाया हुआ है। ”

– “अयोध्या में सौहार्द बना था और आगे भी बना रहेगा, लेकिन कुछ लोग इसे खत्म करना चाहते हैं इसलिए कोर्ट में मामला होते हुए भी नए-नए लोग इसे मुद्दा बनाते रहते हैं।”

मुस्लिम बोले राम मंदिर बने तो व्यापार बढ़ेगा
– अयोध्या में रहने वाले शाह आलम बताते हैं कि उनके पिता ने 1992 में विवाद के बाद एक छोटी सी दुकान से हिंदू देवी-देवताओं के पोस्टर्स बेचने से बिजनेस की शुरुआत की थी। दुकान आज भी वैसी ही है, लेकिन कारोबार धीरे-धीरे बढ़ता गया और अब होलसेल का काम हो गया है।

– शाह आलम कहते हैं, “हमारा तो व्यापार ही राम से जुड़ा है। हम क्यों नहीं चाहेंगे राम मंदिर न बने।”
-वहीं, जावेद खड़ाऊं बनाते हैं। उनका कहना है- “यह काम मेरा परिवार पीढ़ियों से करता आ रहा है। हम भी चाहते हैं कि राम मंदिर का हल निकले। जो भी होना हो जल्दी हो। अयोध्या में हिन्दू मुस्लिम में कोई मतभेद नहीं है।”

अयोध्यावासी कम ही करते हैं दर्शन
-हनुमानगढ़ी के बगल में पान की दुकान लगाने वाले राजेश चौरासिया का कहना है- “अयोध्या के लोग कम ही दर्शन करते हैं। अगल बगल के लोग है उनमें से 25 से 30 लोग दर्शन करने को आते हैं।” सबसे ज्यादा साउथ से ही दर्शन करने आते हैं।

हम राम की जन्मभूमि देखना चाहते थे
-नेपाल से 30 लोग आये हुए थे। रामजन्मभूमि देख कर लौट रहे थे। उनमें से कुछ को बन्दर ने जख्मी कर दिया था लेकिन जब उनसे बात हुई तो उनमें कोई गुस्सा नहीं था। उन्होंने बताया- “हम राम की जन्मभूमि देखना चाहते थे इसलिए यहां आये।” उन्होंने कहा हमारे भगवान भी राम हैं और हमने यही सुना और पढ़ा है कि अयोध्या ही राम की जन्मभूमि है। उनमें से एक महिला ने कहा कि अब बहुत साल बीत गए अब मंदिर बनना चाहिए।”

कर्नाटक से आई महिला ने कहा राममंदिर ही बनेगा
-कर्नाटक से 20 लोगों का दल अयोध्या आया हुआ है। उनका कहना है कि कुछ भी हो लेकिन यहां राममंदिर ही बनना चाहिए। एक अन्य महिला ने कहा कि चाहे सुलह हो या कोर्ट से फैसला आये मंदिर यहीं बनना चाहिए।

-वहीं, प्रसाद की दुकान लगाने वाले अंजनी ने कहा- “रामजन्मभूमि और हनुमानगढ़ी के रास्ते में जिन्होंने दुकान लगायी है उनका व्यापार हर समय एक जैसा रहता है। यानि फायदे में रहता है। मेले में यह फायदा 20 से 30% बढ़ भी जाता है। लेकिन अयोध्या में अन्य दुकानदार यहां होने वाले मेलों पर डिपेंड रहते हैं। अगर राममंदिर बना तो टूरिज्म भी बढ़ेगा। जिससे सबको फायदा होगा।

योगी की हो रही तारीफ
-वहीं, अयोध्या के लोग भले ही अन्य राजनितिक व्यक्तित्व को न पसंद करते हो लेकिन योगी की बार-बार अयोध्या विजिट ने उनकी प्रसिद्धि बढ़ा दी है। मिठाई की दुकान लगाने वाले रमेश कहते हैं कि योगी जी ऐसे सीएम है जो पहली बार अयोध्या बार-बार आ रहे हैं। अयोध्या को नगर निगम का दर्जा दे दिया। पहले चाहे बीजेपी हो या अन्य पार्टियां कोई हिम्मत नहीं करता था यहां आने की। कहीं उनकी राजनीति में कोई विवाद न हो जाये।

-रमेश कहते हैं- “मंदिर बने तो अच्छा लेकिन न भी बने तो अयोध्या के लोगों को कोई दिक्कत नहीं है। अब योगी के आने से विकास तो हो ही रहा है।”

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