Wednesday, April 24, 2024
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भारत की स्टार शूटर हिना राष्ट्रगान के दौरान खड़ा न होने वाले लोगो पर भड़की…

SI News Today

हाल ही में कॉमनवेल्थ गेम्स में 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की स्टार शूटर हिना सिद्धू ने राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने वाले लोगों पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से अपना गुस्सा जाहिर किया है। उनका कहना है कि राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने का तो यही मतलब हुआ कि आप आराम से बैठकर पॉपकॉर्न खाते रहें और बात करते रहें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें एक खिलाड़ी होने पर बेहद गर्व है और वे इस मामले में खुद को खुशकिस्मत मानती हैं। सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, ‘राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने का तो यही मतलब हुआ कि आप आराम से बैठकर पॉपकॉर्न खा सकते हैं, फोन पर जोर-जोर से बात कर सकते हैं, पास में बैठे लोगों से भी बात कर सकते हैं। कभी-कभी मैं खुद को बहुत खुशकिस्मत समझती हूं कि मैं एक खिलाड़ी हूं… हम लोग तो इस बारे में कल्पना तक नहीं कर सकते। बिना राष्ट्रगान सुने मेडल जीतना आधा भी अच्छा नहीं लगता है।’

इसके साथ ही उन्होंने दूसरा ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ‘पहले सुप्रीम कोर्ट ने देशभक्ति को मनोरंजन से जोड़ दिया और अब वे कह रहे हैं कि राष्ट्रगान के प्रति ड्यूटी वैकल्पिक है। अगर ऐसा ही था तचो फिर पहले फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने का आदेश क्यों दिया गया और अगब अगर राष्ट्रगान चलाया जाता है तो ऐसे में लोगों को उसके सम्मान में खड़े होना चाहिए या फिर पहले ऑर्डर को ही रद्द करना चाहिए।’

राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने का ताजा मामला जम्मू एंड कश्मीर के राजौरी के बाबा गुलाम शाह बादशाह यूनिवर्सिटी में सामने आया है। जहां पर कुछ छात्र राष्ट्रगान बजने के समय उसके सम्मान में बजाए खड़े होने के बैठे-बैठे सेल्फी खींचते रहे। टाइम्स नाउ के अनुसार यह घटना उस समय की है जब सभी छात्र सिल्वर रोलिंग ट्रॉफी के दौरान विदाई सामारोह में शरीक हुए थे। इस समारोह में राज्य गवर्नर एनएन वोहरा, राजौरी के डिप्टी कमिश्नर, एसएसपी और यूनिवर्सिटी के उपकुलपति भी मौजूद थे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमा हॉल में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाने को अनिवार्य बनाया था, लेकिन इस साल 23 अक्टूबर को कोर्ट ने कहा था कि लोगों को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए सिनेमा घरों में खडे होने की जरुरत नहीं है। न्यायालय ने केंद्र से कहा कि वह सिनेमाघरों में राष्ट्रगान आयोजित करने के नियमन के लिए नियमों में संशोधन पर विचार करे।

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