दिल्ली: भारत के इतिहास में हुए सबसे भयावह आतंकी हमले यानी 26/11 मुंबई आतंकी हमले को हुए 9 साल पूरे हो चुके हैं. लश्कर-ए-तैएबा के 10 आतंकियों ने समुद्र के रास्ते मुंबई में घुस कर ताज होटल में जो खून का तांडव खेला, उसे सुनकर आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं. इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी. पुलिस और सेना ने कार्रवाई करते हुए 9 आतंकियों को तो मौके पर ही ढेर कर दिया था, एक आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था. जिसे बाद में एक साल बाद पुणे की यरवडा जेल में 21 नवंबर, 2012 को फांसी दी गई. लेकिन इस हमले के मुख्य साजिशकर्ता यानी मास्टर माइंड आज भी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं.
इन मास्टर माइंडों में हाफिज सईद, डेविड हेडली और जकी-उर-रहमान लखवी शामिल हैं. हाफिज सईद को तो इसी हफ्ते पाकिस्तान में नज़रबंद से आज़ाद किया गया था. आज इस हमले की वर्षगांठ पर पूरा देश हमले में प्रभावित लोगों के साथ खड़ा नजर आ रहा है. लोग अपने-अपने तरीकों से हमले में मारे गए लोगों तथा शहीद हुए सैनिकों को याद कर रहे हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुंबई हमले में मारे गए लोगों को श्रृद्धांजलि देते हुए कहा कि हम आतंकवाद से डटकर मुकाबले करेंगे, आतंकवाद को खत्म करके अपने देशवासियों के लिए और सुरक्षित देश बनाएंगे.
इस बीच अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान को आतंकी हाफिज सईद के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. बता दें कि गुरुवार को हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक अदालत ने रिहा कर दिया था. सईद वहां इस साल जनवरी से नजरबंद था. व्हाइट हाउस ने शनिवार को कहा था कि भारत-पाकिस्तान संबंधों को मधुर बनाने के लिए की जा रही कोशिशों का असर तब तक नहीं होगा जब तक कि मुम्बई में 2008 में हुए हमले के मास्टरमाइंडों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं करेगा. व्हाइट हाउस ने शनिवार को सईद को गिरफ्तार करने के लिए पाकिस्तान से कहा था.
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, “अगर पाकिस्तान सईद के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करता है, तो इसका असर द्विपक्षीय संबंधों और पाकिस्तान की वैश्विक प्रतिष्ठा पर जरूर पड़ेगा.” अमेरिका ने जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद पर एक करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा की हुई है. जमात-उद-दावा का कहना है कि वह एक सामाजिक तथा धार्मिक संगठन है जबकि अमेरिका उसे आतंकी संगठन मानता है, जो लश्कर-ए-तैयबा की तरह ही है.