16 जनवरी यानि मंगलवार की रात को मौनी अमावस्या है। इसे भौमवती अमावस्या भी कहा जाता है। इस बार ये अमावस्या मंगलवार को पड़ रही है जिसकी वजह से इसका महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मंगलवार के दिन पर मंगल ग्रह का प्रभाव होता है और इस दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था इसलिए मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। गरुड़ पुराण की मानें तो अमावस्या के दिन पूजा, पाठ और पुण्य कर्म करने चाहिए। इस दिन अशुभ कार्यों से भी दूर रहना चाहिए।
मौनी अमावस्या पर क्या करें:
इस दिन पवित्र नदियों और तालाबों में स्नान का विधान है। दान-पुण्य करने से विशेष लाभ मिलता है। सदियों से चली आ रही इस परंपरा का पालन आज भी लोग करते आ रहे हैं। मौनी अमावस्या के दिन पूज-पाठ करने से मनेाकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
मौनी अमावस्या पर ना करें ये काम:
अमावस्या की रात को किसी भी सुनसान जगह या श्मशान पर ना जाएं। इस तिथि पर नकारात्मक शक्तियां बहुत हावी रहती हैं और सुनसान जगहों पर ये आपके ऊपर हमला कर सकती हैं। मौनी अमावस्या की सुबह को देर तक ना सोएं। इस दिन सुबह जल्दी उठना अच्छा होता है। सुबह पानी में काले तिल डालकर स्नान करें और सूर्य का जल चढ़ाएं। मौनी अमावस्या के दिन पति-पत्नी को संबंध नहीं बनाने चाहिए, अमावस्या की तिथि पर बने संबंध से जो संतान पैदा होती है उसे जीवन में कष्ट सहने पड़ते हैं। अमावस्या के दिन घर में झगड़ा ना करें। इस दिन घर में अशांति रहने से पितृ देवता की कृपा नहीं मिलती है। अमावस्या के दिन पितरों का ध्यान करें।अमावस्या के दिन भूल से भी किसी गरीब या असहाय व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। गरीब का अपमान करने वाले व्यक्ति पर शनि और राहू-केतु का प्रकोप पड़ता है।
अमावस्या पर जन्मे लोगों का जीवन:
अमावस्या की तिथि पर जन्म लेने वाले व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं। अगर किसी की कुंडली में सूर्य और चंद्रमा एक ही भाव में स्थित हों तो उसमें अमावस्या का योगबनता है। इस योग के कारण जातक के काम आसानी से नहीं बनते हैं। कुंडली में इस योग से ग्रस्त जातकों को सूर्य और चंद्रमा के उपाय करने चाहिए। सूर्य को रोज़ जल चढ़ाएं और पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा को जल चढ़ाएं।
मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय:
अमावस्या की तिथि पर पीपल के पेड़ की पूजा करें। परिक्रमा करें और जल चढ़ाएं। शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और बेल पत्र अर्पित करें। किसी गरीब को भोजन खिलाएं। ये अमावस्या मंगलवार को पड़ रही है इसलिए हनुमान जी के आगे तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। पवित्र नदी में स्नान करते हुए सूर्य को जल चढाएं।