नांदेड में एक मदरसे के मौलवी ने 12 वर्षीय लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया, जबकि एक दूसरी नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ की। नांदेड के एक पुलिस अधिकारी ने आज बताया कि इसके बाद कथित तौर पर बलात्कार पीड़िता लड़की के गांव माजलगांव के तीन स्थानीय नेताओं ने आश्चर्यजनक तरीके से लड़की की मां पर मौलवी के खिलाफ शिकायत नहीं करने का दबाव बनाया।
मौलवी की पहचान साबेर फारुखी के तौर पर हुई है। नांदेड के इतवारा पुलिस थाने में लड़की की मां की ओर से दर्ज करायी शिकायत के आधार पर आज माजलगांव के तीनों स्थानीय नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी पहचान खलील पटेल, नवाब पटेल और इबरिश बागवान के रूप में हुई है। नवाब पटेल राकांपा की शहर इकाई का पूर्व अध्यक्ष है, जबकि बागवान एआईएमआईएम का माजलगांव तालुका का अध्यक्ष है। खलील पटेल पूर्व सभासद है।
पिछले साल नवंबर में आई समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ दशकों में विभिन्न मदरसों में बलात्कार के शिकार हुए सैकड़ों बच्चों के बारे में पता लगाया था। एपी की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय पुलिस ऐसे मामलों में दोषियों पर कार्रवाई करने से कतराती है। स्थानीय समुदाय में मौलवियों के प्रभाव और यौन शोषण के शर्मींदगी की वजह होने के कारण भी ऐसे मामले सामने नहीं आ पाते।
बता दं कि पाकिस्तानी मदरसों में बच्चों के यौन शोषण पर वहां के एक पूर्व मंत्री ने एपी से कहा, “मदरसों में ऐसे सैकड़ो वाकये हुए हैं। ये बहुत आम है। लेकिन ऐसे मामलों को सामने लाना बहुत खतरनाक हो सकता है।” एक अन्य पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर माना कि पाकिस्तानी मदरसों में नाबालिग लड़कों का बलात्कार असमान्य बात नहीं है। एपी द्वारा इकट्ठा किए गए दस्तावेज के अनुसार पिछले 10 सालों में 359 ऐसे मामले सामने आए जिनमें मौलवी, मौलाना या दूसरे मजहबी ओहदेदार पर बच्चों के बलात्कार का आरोप लगा। साल 2004 में एक पाकिस्तानी अधिकारी ने तब ऐसे 500 मामलों की आधिकारिक शिकायत दर्ज होने की बात कही थी। जब एपी ने पाकिस्तान के गृह मंत्री और मंत्रालय से इस मसले पर बात करनी चाही तो उसे इसका मौका नहीं दिया गया। पाकिस्तान में मदरसे और स्कूल गृह मंत्रालय के तहत ही आते हैं।