भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में काले कपड़ें पहने लोगों को अंदर नहीं जाने देने का मामला सामने आया है। कहा जा रहा है कि विरोध-प्रदर्शन की अशंका के चलते यह निर्णय लिया गया। पुलिस ने कथित तौर पर ऐसे लोगों के कपड़े भी उतरवा लिए जिन्होंने काले कपड़े पहने थे। हालांकि चौंकाने वाली बात यह है कि कार्यक्रम में काले कपड़े पहने पत्रकारों को भी जाने से रोका गया। मामले में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए ऐसा किया गया। लेकिन वह पत्रकारों को भी कार्यक्रम स्थल पर नहीं जाने देने के सवाल पर चुप रहे।
दरअसल शनिवार (20 जनवरी, 2017) को अमित शाह और योगी आदित्य नाथ वाराणसी में ‘युवा उद्घोष’ कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। कार्यक्रम से पहले ही शांति भंग की आशंका के चलते महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के करीब 30 छात्रों को हिरासत में लिया गया। इन छात्रों को कैंट थाने में रखा गया। इसके साथ ही काले कपड़े पहनकर कार्यक्रम में जाने पर रोक लगा दी गई। जिसके बाद काले कपड़े पहने पत्रकारों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा।
दूसरी तरफ एक दिवसीय वाराणसी दौरे पर पहुंचे अमित शाह ने इस दौरान करीब 17000 नए युवाओं को काशी विद्यापीठ के खेल मैदान में संबोधित किया। इस कार्यक्रम में अमित शाह के साथ अदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, राज्यमंत्री अनुपमा जयसवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय, प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल, यूपी सरकार में मंत्री अनिल राजभर और नीलकण्ठ तिवारी भी मौजूद थे।
खबरों के अनुसार इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिगरा चौक पर भाजपा विरोधी पर्चे बांटे। इनमें जस्टिस लोया की मौत का जिम्मेदार अमित शाह को बताया गया है।