Thursday, March 28, 2024
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हावड़ा में उपद्रवि‍यों ने जला दि‍या सरस्‍वती पूजा का पंडाल….

SI News Today

पश्‍चि‍म बंगाल में सरस्‍वती पूजा के लि‍ए तैयार एक पंडाल में आग लगाने का मामला सामने आया है। उपद्रवि‍यों ने रवि‍वार (21 जनवरी) रात को इस घटना को अंजाम दि‍या था। यह मामला हावड़ा के दासनगर इलाके में स्‍थि‍त ग्रीन स्‍टार क्‍लब का है। यह क्‍लब पि‍छले 25 वर्षों से सरस्‍वती पूजा के लि‍ए पंडाल लगाता रहा है। हर साल की भांति‍ इस बार भी आयोजकों ने पंडाल तैयार कि‍या था। रवि‍वार रात में तकरीबन दो बजे तक पंडाल को सजाने का काम चला था। इसके बाद सभी लोग घर चले गए थे।

उपद्रवि‍यों ने लोगों के वहां से जाने के बाद पंडाल में आग लगाई थी। एक घंटे के अंदर ही मौके पर जुटे स्‍थानीय लोगों ने आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दि‍या था। इसके कारण जल्‍द ही स्‍थि‍ति‍ पर काबू पा लि‍या गया था। बाद में पुलि‍स को इस घटना की जानकारी दी गई थी। मालूम हो कि‍ सोमवार (22 जनवरी) को पूरे देश में हर्षोल्‍लास के साथ बसंत पंचमी का त्‍योहार मनाया जा रहा है।

सरस्‍वती पूजा के आयोजकों ने दावा कि‍या कि‍ आपराधि‍क प्रवृत्‍ति‍ के कुछ लोग यहां पार्किंग चलाते हैं। इसकी आड़ में गैरकानूनी गति‍वि‍धि‍यां भी होती हैं। यहां पर शराब पीना तो बेहद आम हो गया है। इसके अलावा शराब की दुकान भी खोल दी गई है। ग्रीन स्‍टार क्‍लब के प्रमुख ने कहा, ‘इस तरह की घटनाओं को हिंदू या मुसलमान अंजाम नहीं दे सकते हैं। हमलोग इस बात को लेकर पूरी तरह आश्‍वस्‍त हैं कि‍ स्‍थानीय असामाजि‍क तत्‍वों ने नि‍हि‍त स्‍वार्थों के लि‍ए ऐसा कि‍या।’ मीडि‍या रि‍पोर्ट के अनुसार, पूजा पंडाल की वजह से वहां स्थित शराब की दुकान बंद कराए जाने से कुछ लोग नाराज थे। पुलिस को शक है कि इस आगजनी में उन्हीं लोगों का हाथ हो सकता है। इस मामले में केस दर्ज संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी गई है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार बसंत पंचमी का त्योहार हर साल माघ मास में शुक्ल पक्ष की बसंत पंचमी के दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन माता सरस्वती का जन्म हुआ था। इसलिए बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। बसंत पंचमी को श्री पंचमी और ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है। यह त्योहार पूर्वी भारत, पश्चिमी-उत्तरी बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनाई जाती है। देवी सरस्वती को ज्ञान, कला, बुद्धि, गायन-वादन की अधिष्ठात्री माना जाता है। सरस्वती पूजा या बसंत पंचमी के दिन आमतौर पर लोग पीले कपड़े पहनकर पूजा करते हैं।

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