श्रीलंका में बौद्धों की भीड़ ने अल्पसंख्यक मुसलमानों की मस्जिदों और दुकानों पर मंगलवार रात हमले किए। देश में शांति कायम करने के लिए लगाए गए आपातकाल के बावजूद ये हमले हुए। पुलिस ने बताया कि कैंडी में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू है।
मंगलवार रात हिंसा की कई घटनाएं हुईं। इनमें तीन पुलिस अधिकारी घायल हो गए। लेकिन घायल नागरिकों की संख्या का पता नहीं चल पाया। कैंडी में मुसलमानों के साथ झगड़े में बौद्ध युवक की मौत के बाद रविवार रात से हिंसा शुरू हुई और श्रीलंका के कई हिस्सों में फैल गई। हिंसा पर काबू पाने के लिए राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेन ने मंगलवार को सात दिनों के आपातकाल की घोषणा की।
श्रीलंका के वरिष्ठ मंत्री शरत अमुनुगामा ने कहा कि कैंडी में ताजा हिंसा क्षेत्र से बाहर के लोगों ने शुरू की है। श्रीलंका में साल भर से बौद्ध और मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव बढ़ रहा था। बौद्धों का आरोप है कि मुसलमान लोगों को जबरन इस्लाम कुबूल करवा रहे हैं और बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को तोड़ रहे हैं। कुछ बौद्ध राष्ट्रवादी म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों को श्रीलंका में शरण देने का भी विरोध कर रहे हैं।